वाराणसी में मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने भगवान राम की पूजा और आरती की

वाराणसी में मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने भगवान राम की पूजा और आरती की
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दीपावली के दिन भगवान राम के नाम पर गंगा जमुनी तहजीब बुलंद हुई। मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम की पूजा और आरती कर सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया। आरती के बाद मुस्लिम महिलाओं ने दिवाली की खुशियां एक दूसरे के साथ साझा की।

विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में लमही स्थित सुभाष भवन मुस्लिम महिलाओं की राम आरती का आयोजन किया गया। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में जुटीं हिंदू–मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में रचित श्रीराम प्रार्थना एवं श्रीराम आरती का गायन किया। सजावटी थाली में मिट्टी के दीपक से प्रभु राम की आरती की गई।

जय-जय श्रीराम के नाम का उद्घोष हुआ और राम नाम के दीपक से हिंसा और नफरत के अंधकार को दूर करने का संदेश दुनिया को दिया गया। इस अवसर पर मुस्लिम महिलाओं ने प्रभु राम और जगत माता जानकी  कामना किया कि आदि विश्वेश्वर मंदिर परिसर औरंगजेब के कलंक से मुक्त हो और स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग पर शीघ्र पूजा अर्चना शुरू हो।

ईरान की मुस्लिम महिलाओं को हिजाब की गुलामी से मुक्ति मिले। ईरान के लोग अपने जड़ों की ओर लौटें, मुस्लिम बेटियों को जीने का अधिकार मिले। रूस और यूक्रेन की जंग खत्म हो और दुनिया रामराज्य की ओर बढ़े। भारत भूखंड में रहने वाले सभी भारतीय मूल के लोग अपने जड़ों की ओर लौटें, इससे रिश्ता मजबूत होगा और एक दूसरे से भावनात्मक सम्बन्ध विकसित होंगे।नाजनीन अंसारी ने कहा कि धर्म बदलने से न पूर्वज बदल सकते है, न मातृभूमि और न ही पूर्वजों के भगवान राम। विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष  डॉक्टर राजीव गुरूजी ने कहा कि पाकिस्तान में लोग बेचैन हैं, अपनी पुरानी जाति की तलाश कर रहे हैं। नफरत और हिंसा पर बना देश टूट जाएगा और जल्द ही अपने पुराने देश में वापसी करेगा। मुस्लिम महिलाओं की राम आरती विश्व को राम पथ पर चलने का संदेश दे रही है। जो राम की शरण में आएगा, वही नफरत और हिंसा से मुक्ति पाएगा। राम मुक्ति मार्ग हैं, राम की शिक्षाओं को दुनिया के देशों को अपनाना चाहिए।

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