झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से युवक की मौत परिवार में मचा कोहराम

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झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक बंद कर हुआ फरार
भाटपार रानी (देवरिया)। भाटपार रानी थाना क्षेत्र के अंतर्गत चनूकी बाजार बाजार में स्थित एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा युवक जिसका नाम फिरोज सिद्धकी है का हाइड्रोसील का ऑपरेशन किया गया ऑपरेशन करने के बाद युवक की तबीयत बिगड़ने लगी तो झोलाछाप डॉक्टर ने उक्त मरीज को अपने साथ लेकर सर्वप्रथम भाटपार रानी में एक प्राइवेट क्लीनिक में ट्रीटमेंट कराया गया उसके बाद भोरे बाजार में जो बिहार में स्थित है वहां पर उसका ट्रीटमेंट कराया गया वहां भी मरीज की स्थिति ठीक नहीं हुई तो उसे देवरिया एक प्राइवेट नर्सिंग होम में दिखाया गया वहां से मरीज को रेफर मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लिए किया गया इस बीच की स्थिति ज्यादा खराब हो गई और मेडिकल कॉलेज पहुंचने के पहले ही मरीज ने दम तोड़ दिया। युवक की मृत्यु के बाद उसके परिवार वालों ने शव को लेकर को चनूकी बाजार स्थित उसे झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर पहुंचे उसके पूर्व ही झोलाछाप डॉक्टर को यह जानकारी हो गई और वह अपना क्लीनिक बंद करके फरार हो गया पुलिस ने युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय पर भेज दिया है। युवक फिरोज सिद्दीकी की पत्नी सलमा ने थाने में तहरीर देकर न्याय की मांग की है । भाटपार रानी के बभनौली गांव निवासी फिरोज सिद्दीकी 19 दिसंबर को उक्त झोलाछाप डॉक्टर के पास एक दलाल के कहने पर हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने पहुंचा था ऑपरेशन करवाने के 2 दिन बाद युवक को पेशाब नहीं हो रहा था परिवार के लोगों ने इसकी सूचना डॉक्टर को दी डॉक्टर उसके गांव पहुंचकर युवक फिरोज को देखा और अपने साथ लेकर अपने एक प्रसिद्ध नर्सिंग होम में इसका ट्रीटमेंट करवाना शुरू किया उसके बाद भी उसकी स्थिति नहीं सुधरी तो उसको देवरिया एक प्राइवेट नर्सिंग होम में दिखाया गया लेकिन मरीज की स्थिति बिगड़ती गई और अंत में डॉक्टर ने उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया मेडिकल कॉलेज गोरखपुर ले जाते समय मरीज की मृत्यु हो गई।
मृतक युवक की पत्नी सलमा ने उक्त झोलाछाप डॉक्टर के विरुद्ध थाने में तारीख देखकर कार्यवाही की मांग की है। थानाध्यक्ष भाटपार रानी दिलीप पांडे ने युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु जिला मुख्यालय पर भेज दिया घटना को संज्ञान में लेकर पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

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अब यह प्रश्न यह उठता है कि की आखिर कब तक स्वास्थ्य महकमा आंख बंद किए रहेगा यह झोलाछाप डॉक्टर न जाने कितने लोगों का जान जोखिम में डालकर इनका ट्रीटमेंट कर रहे हैं आए दिन इस क्षेत्र में इन झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही के वजह से मरीजों की जान जा रही है और स्वास्थ्य महकमा हाथ पैर हाथ धरे बैठा हुआ है इसका कारण यह है कि यह झोलाछाप डॉक्टर एक मोटी रकम स्वास्थ्य विभाग को देते हैं और आराम से अपना क्लीनिक खोलकर जहां-तहा सुदूर गांव में चौराहों पर क्लीनिक खोलकर भोले भाले मरीज का मोटी रकम लेकर इलाज कर उनके जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं इसकी जांच होनी चाहिए और ऐसे क्लिनिक पर नर्सिंग होम पर आवश्यक कार्रवाई होनी चाहिए।


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