13 साल की बच्ची गैंगरेप,फिर थाने में भी दरिंदगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ललितपुर में 13 साल की एक बच्ची से जिस तरह दरिंदगी हुई उसने कानून-व्यवस्था पर ना सिर्फ गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह सोचने पर भी मजबूर कर दिया है कि यदि रक्षक ही भक्षक हो जाएंगे तो फिर न्याय मांगने लोग कहां जाएंगे? 13 साल की रेप पीड़िता से थाने में भी दुष्कर्म की घटना सामने आने के बाद यूपी में सियासत भी तेज हो गई है। विपक्ष के नेता अखिलेश यादव, उनके चाचा शिवपाल यादव से लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी तक ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा घटनाक्रम।
थाने में 13 साल की बच्ची से रेप की घटना उस वक्त सामने आई, जब पीड़िता को चाइल्ड लाइन के हवाले किया गया और उसने अपनी आपबीती सुनाई। पीड़िता की मां की ओर से थाने में दी गई शिकायत के मुताबिक बच्ची को ललितपुर के एक गांव से चार लोगों ने अगवा कर लिया गया था। आरोपी उसे मध्य प्रदेश के भोपाल ले गए और तीन दिन तक अपनी हवश का शिकार बनाते रहे। इसके बाद उसे पाली थाने के पास छोड़कर चले गए।
पुलिस ने लड़की को उसकी मौसी के पास पहुंचा दिया। 27 अप्रैल की सुबह किशोरी को थाने बुला कर बयान दर्ज किया गया। शाम को मौसी उसे इंस्पेक्टर के कमरे में ले गई। जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया। तब तक बरामदगी या बयान की सूचना माता-पिता को नहीं दी गई। 30 को बेटी को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया। जहां काउंसिलिंग में उसने घटना बताई।
मौसी के खिलाफ केस,एसएचओ फरार
पुलिस ने इस मामले में बच्ची के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपियों चंदन,राजभान,हरिशंकर और महेंद्र चौरसिया के खिलाफ केस दर्ज किया है। एसएचओ पाली तिलकधारी सरोज और मौसी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ललितपुर के एसपी निखिल पाठक ने कहा”मौसी और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि जब पीड़िता पहली बार (26 अप्रैल) को पुलिस के पास पहुंची तो केस क्यों नहीं दर्ज किया गया था।” आरोपी एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है।