शेयर बाजार में 22 लाख करोड़ रुपये स्वाहा, क्यों टूटा बाजार-कहां तक गिरेगा,कहां निवेश रहेगा सेफ

शेयर बाजार में 22 लाख करोड़ रुपये स्वाहा, क्यों टूटा बाजार-कहां तक गिरेगा,कहां निवेश रहेगा सेफ
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नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार की आज की स्थिति बेहद मुश्किल लग रही है और लगातार छह दिन से स्टॉक मार्केट में कमजोरी का माहौल देखा जा रहा है। घरेलू शेयर बाजार के सभी सेक्टर्स में बिकवाली देखी जा रही है और बाजार की ओपनिंग के समय से ही ट्रेडिंग सुस्त है। बाजार लगातार छह दिन से गिर रहा है और इसमें त्योहारी सीजन भी उत्साह नहीं भर पा रहा है। ग्लोबल कारणों के साथ-साथ घरेलू कारण भी इसकी वजह बन रहे हैं।

आज कैसा दिख रहा है बाजार का हाल
आज के कारोबार में बीएसई का सेंसेक्स 857.53 अंक या 1.34 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 63,191 के लेवल पर है और इंट्राडे में इसमें 63,119 के निचले लेवल देखे जा चुके हैं। वहीं एनएसई का निफ्टी 243.80 अंक या 1.27 फीसदी की गिरावट के साथ 18,878 के लेवल पर कारोबार कर रहा है और इंट्राडे में इसमें 18,849 तक के निचले लेवल देखे जा चुके हैं।

आज मिडकैप-स्मॉलकैप में भारी गिरावट
आज निफ्टी मिडकैप इंडेक्स करीब 1.88 फीसदी की भारी गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है और स्मॉलकैप इंडेक्स 2.57 फीसदी की जोरदार गिरावट के साथ कारोबार करते देखे जा सकते हैं।

आज 5.78 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हुए स्वाहा
घरेलू बाजार में बाजार का समय आगे बढ़ने के साथ-साथ गिरावट गहराती जा रही है और बीएसई का मार्केट कैप 5.78 लाख करोड़ रुपये गिर चुका है। बीएसई मार्केट कैपिटलाइजेशन को देखें तो ढाई घंटे में ही निवेशकों की संपत्ति साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये से ज्यादा स्वाहा हो चुकी है।

क्यों गिर रहा है भारतीय शेयर बाजार
इसके 2-3 कारण समझ आ रहे हैं जिसमें से पहल कारण है इजरायल-हमास युद्ध के चलते इंवेस्टर सेंटीमेंट खराब होना। भारतीय शेयर बाजार में एफआईआई लगातार निवेश निकाल रहे हैं। बीते ट्रेडिंग सेशन यानी बुधवार के कारोबार में एफआईआई ने कुल 4,237 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।

ग्लोबल बाजारों से घरेलू मार्केट को कोई सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है और एशियाई बाजार तो टूट ही रहे हैं,अमेरिकी बाजारों की कमजोरी का असर भी भारत के इक्विटी मार्केट पर देखा जा रहा है। यूएस में ट्रेजरी यील्ड के लगातार बढ़ने का असर भी भारत के बॉन्ड मार्केट पर देखा जा रहा है और विदेशी निवेशक इससे खिंच रहे हैं।

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ब्रेंट क्रूड ऑयल के दामों में लगातार उछाल आता जा रहा है और ये 90 डॉलर प्रति बैरल के रेट पर आ चुका है। कच्चे तेल के दाम बढ़ने का असर भारत के इंपोर्ट बिल पर नकारात्मक रहता है और ये बढ़ जाता है। इस खबर के असर से भी इंडियन इक्विटी मार्केट में निराशा देखी जा रही है।

बाजार की गिरावट में 22 लाख करोड़ रुपये की वेल्थ हुई हवा
पिछले छह ट्रेडिंग सेशन में बीएसई के मार्केट कैप में 22 लाख करोड़ रुपये या 22 ट्रिलियन रुपये की गिरावट आई है। वहीं आज का कारोबार देखें तो बीएससी मार्केट कैपिटलाइजेशन 303.44 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है और इसके हिसाब से कल से लेकर आज तक मार्केट कैप में 5.78 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है। कल का मार्केट कैप 309.22 लाख करोड़ रुपये पर था।

क्या कहते हैं शेयर बाजार के जानकार
डीआरएस फिनवेस्ट के फाउंडर डॉ रवि सिंह का कहना है भारतीय शेयर बाजार के लिए अभी मौजूदा गिरावट का दौर कुछ और समय तक जारी रह सकता है। इसके पीछे कुल पांच प्रमुख कारण हैं-

  1. इजरायल-हमास युद्ध का असर
    7 अक्टूबर से जारी इजरायल-हमास युद्ध के चलते वैश्विक बाजारों में तनाव का माहौल बना हुआ है और इसका असर ग्लोबल मार्केट सेंटीमेंट पर आ रहा है। सिर्फ भारतीय बाजार ही नहीं गिर रहे हैं, और कई बाजारों पर भी असर देखा जा रहा है। ग्लोबल टेंशन के समय एफएआईआई भी स्टॉक मार्केट में निवेश की मात्रा कम कर रहे हैं जिसका असर इक्विटी मार्केट की गिरावट के तौर पर सामने आ रहा है।
  2. क्रूड ऑयल के चढ़ते दाम
    ग्लोबल कच्चे तेल के चढ़ते दाम से भारत के ऊपर दोहरा दबाव आ रहा है और देश में महंगाई बढ़ने का खतरा सामने आ रहा है। ब्रेंट क्रूड ऑयल 90 डॉलर के पार चला गया है और इसके और भी बढ़ते जाने की आशंका है। भारत में कच्चे तेल के दाम बढ़ने का असर शेयर बाजार पर निगेटिव रूप में देखा जा रहा है।
  3. एफआईआई की लगातार घटती खरीदारी
    विदेशी संस्थागत निवेशक या एफआईआई हर दिन भारतीय शेयर बाजार से कम से कम 2000 करोड़ रुपये निकाल रहे हैं और इसके असर से इक्विटी मार्केट में कमजोरी देखी जा रही है। इसका एक चेन रिएक्शन भी देखा जाता है और एफआईआई खरीदारी घटने से डॉलर इंडेक्स में तेजी आती है, डॉलर इंडेक्स में तेजी आने से रुपये की कीमत में भी गिरावट देखी जाती है जिसका घरेलू शेयर बाजार पर कमजोरी का असर आता है।
  4. चीन के प्रॉपर्टी बाजार में बड़े डिफॉल्ट
    पड़ोसी देश चीन के प्रॉपर्टी बाजार में इस समय घबराहट छाई हुई है और यहां की दो बड़ी प्रॉपर्टी कंपनियां डिफॉल्ट कर रही हैं। चीन के प्रॉपर्टी मार्केट के क्रैश करने से अन्य रियल्टी इंडेक्स पर भी असर देखा जाता है। इससे आगे चलकर ना सिर्फ यूरोजोन बल्कि भारत के रियल्टी मार्केट के लिए भी खतरा बन सकता है और इससे रियल्टी शेयरों मे गिरावट आ रही है।
  5. भारत में कंपनियों के दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजे
    देश में इस समय तिमाही नतीजों का सीजन चल रहा है और इस समय कई ऐसी कंपनियां कमजोर नतीजे पेश कर चुकी हैं जो पहली तिमाही में शानदार परिणाम दे चुकी हैं। उदाहरण के लिए डी मार्ट, इंफोसिस, टीसीएस, जेएसडब्ल्यू और आईसीआईसीआई बैंक जैसों के कमजोर तिमाही नतीजों से शेयर बाजार में निराशा आई है और निवेशकों के लिए इन कंपनियो में इंवेस्ट के लिए वैसा उत्साह नहीं रहा है।
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किन सेक्टर्स में दिखेगी गिरावट- किन सेक्टर्स में दिखेगी तेजी
डॉ रवि सिंह का कहना है कि जिस तरह के मौजूदा हालात हैं, उनमें सभी सेक्टर्स में ही गिरावट देखी जाएगी। चाहे वो रियल्टी, ऑटो, टेक, एफएमसीजी, पावर, आईटी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, बैंक हो या ऑयल एंड गैस शेयर हों। हां- फार्मा सेक्टर ऐसा सेक्टर है जो कि स्थिर दिख सकता है या इसमें तेजी भी देखी जा सकती है क्योंकि इसका निफ्टी के साथ निगेटिव को-रिलेशन है। यानी निफ्टी में गिरावट होगी तो फार्मा सेक्टर में तेजी या स्थिरता आ सकती है।

कब तक जारी रहेगी शेयर बाजार में गिरावट- कहां तक गिरेंगे लेवल
डॉ रवि सिंह का कहना है कि इस गिरावट के अभी थोड़े और समय तक जारी रहने की आशंका है। बाजार की इस कमजोरी में निफ्टी के 18500 तक नीचे जाने के आसार लग रहे हैं जबकि सेंसेक्स के 63,000 तक नीचे जाने की संभावना लग रही है।

बाजार में क्या होनी चाहिए स्ट्रेटेजी
डॉ रवि सिंह के मुताबिक इस समय बाजार में वेट एंड वॉच की रणनीति अपनानी चाहिए और बाजार में सतर्क अप्रोच रखनी चाहिए। अगर आप 100 रुपये निवेश करना चाहते हैं तो इस समय केवल 20 रुपये का ही निवेश करें। किन सेक्टर्स को देखा जाए जिसमें पैसा लगाया जा सकता है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि एफएमसीजी, फार्मा, डिफेंस और पावर स्टॉक्स में पैसा लगाया जा सकता है।

CNI Research के किशोर ओस्तवाल की क्या है राय
सीएनआई रिसर्च के सीएमडी किशोर ओस्तवाल का कहना है कि स्टॉक मार्केट का करेक्शन बॉन्ड्स, अरनिंग्स के लिए ज्यादा नहीं रहेगा। इस गिरावट के दौर में कमजोर दिल वालों को शेयर बाजार से दूर रहना चाहिए जैसा कि मार्च 2023 में देखा गया था। इस समय उम्मीद रखनी चाहिए कि अच्छा समय फिर लौटेगा और निवेशकों को क्वालिटी स्टॉक्स खरीदने के लिए अच्छा मौका मिल रहा है।

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किशोर ओस्तवाल के स्टॉक रिकमंडेशन
किशोर ओस्तवाल का कहना है कि करेक्शन के दौरान क्वालिटी स्टॉक्स को जरूर खरीदना चाहिए। बाजार में जो मंदी है वो अस्थाई है और तेजी स्थाई है। स्टॉक मार्केट में कैश मैनेजमेंट सबसे बड़ा टास्क है। इस समय अगर शेयरों में खरीदारी के लिए देख रहे हैं तो आपको बीएचईएल, टाटा पावर, टाटा कम्यूनिकेशन्स, टाटा मोटर्स, टिस्को, मफतलाल, माइंडटेक, केल्कॉम विजिन और रीबा टेक्सटाइल्स के शेयर क्लास स्टॉक्स हैं।


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