प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों से वंदे भारत में किया आत्मीय संवाद

प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों से वंदे भारत में किया आत्मीय संवाद

वाराणसी (जनवार्ता) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को अपने दो दिवसीय काशी दौरे के दूसरे दिन स्कूली बच्चों के बीच एक स्नेही अभिभावक और मित्र की भूमिका में नजर आए। बनारस (मंडुवाडीह) रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर आठ पर चार वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने से पहले उन्होंने बनारस से खजुराहो जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की एक बोगी में जाकर स्थानीय स्कूली बच्चों से सहज संवाद किया।

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प्रधानमंत्री ने बच्चों के कंधे पर हाथ रखकर दोस्ताना अंदाज में अभिवादन किया, उनकी कविताएं सुनीं और शाबाशी दी। बच्चों द्वारा बनाए चित्रों को सराहा। बच्चों को पीएम का यह बालसुलभ अंदाज खूब भाया। मिलने के बाद छात्र-छात्राएं उत्साहित होकर तस्वीरें परिजनों को भेजते रहे। सोशल मीडिया पर भी यह संवाद छाया रहा। बोगी भ्रमण के बाद प्रधानमंत्री लोको पायलट से इंजन में जाकर ट्रेन संचालन की जानकारी ली।

मंच से संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे भारत उद्घाटन के दौरान विद्यार्थियों ने ‘विकसित भारत’ पर सुंदर कविताएं और चित्र प्रस्तुत किए। काशी के सांसद के रूप में उन्हें गर्व है कि उनके शहर के बच्चे इतने प्रतिभाशाली हैं। उन्होंने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की प्रशंसा की, जिन्होंने ट्रेन शुभारंभ पर छात्रों के बीच प्रतियोगिता की परंपरा शुरू की। चित्र और कविताएं विकसित भारत, विकसित काशी, सुरक्षित भारत जैसे विषयों पर आधारित थीं। अभिभावकों व शिक्षकों के सहयोग की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने बाल साहित्य सम्मेलन आयोजित करने का विचार रखा और 8-10 विजेताओं को देशभर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि इन बच्चों का कवि सम्मेलन काशी में हो और कुछ बच्चों को पूरे देश में ले जाया जाए। सभी अनुभव साझा करें।” विकसित भारत में काशी की अग्रणी भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि काशी के विकास की गति बनाए रखें, ताकि भव्य काशी समृद्ध बने और विश्वनाथ नगरी आने वाले हर व्यक्ति को अलग ऊर्जा, उत्साह व आनंद मिले।

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Shiv murti

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