टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का सड़क दुर्घटना में निधन
मुंबई। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का रविवार दोपहर मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। वे गुजरात के उदवाड़ा में बने पारसी मंदिर से लौट रहे थे। 54 साल के मिस्त्री की मर्सिडीज GLC 220 कार महाराष्ट्र में पालघर के पास रोड डिवाइडर से टकरा गई थी। इस हादसे में मिस्त्री और उनके दोस्त जहांगीर पंडोले (49) की मौत हो गई, जबकि कार ड्राइव कर रही महिला डॉक्टर अनायता पंडोले और उनके पति दरीयस पंडोले घायल हैं। दरीयस JM फाइनेंशियल के CEO हैं।
साइरस मिस्त्री जिस लग्जरी मर्सिडीज कार में थे,वह करीब 134 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चल रही थी। इसका खुलासा कार के आखिरी CCTV फुटेज से हुआ है। कार ने रविवार दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर चरौती का चेक पोस्ट क्रॉस किया था। यहां से हादसे की जगह 20 KM दूर है। मर्सिडीज कार ने यह दूरी महज 9 मिनट में तय की।
पुलिस ने बताया कि तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग के समय जजमेंट में हुई गलती की वजह से कार रोड डिवाइडर से टकराई। एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले मिस्त्री और जहांगीर दोनों ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था। वहीं,डिवाइडर से टकराने के बाद कार के अगले एयरबैग तो खुल गए, लेकिन पीछे वाले एयरबैग सही समय पर नहीं खुले। रविवार को एक चश्मदीद ने भी कहा था कार बेहद तेज स्पीड में थी और दूसरी गाड़ी को रॉन्ग साइड से ओवरटेक करते समय डिवाइडर से टकराई थी।
मल्टीट्रॉमा बना साइरस की मौत की वजह
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक एक्सीडेंट में साइरस मिस्त्री के शरीर के अंदरूनी अंगों में जबर्दस्त चोट पहुंची थी। मेडिकल टर्म में इसे पॉलीट्रॉमा कहते हैं। इसी वजह से साइरस मिस्त्री की मौके पर ही मौत हो गई थी। मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में रविवार देर रात को साइरस और जहांगीर का पोस्टमॉर्टम हुआ था।
कार की पिछली सीट पर बैठे थे साइरस और जहांगीर
चरौती गांव में सूर्या नदी के पुल पर हादसे का शिकार बनी इस कार का नंबर MH-47-AB-6705 है। इस मर्सिडीज कार में कुल चार लोग सवार थे। ड्राइव कर रही डॉक्टर अनायता और उनके पति दरीयस आगे की सीटों पर थे, जबकि साइरस मिस्त्री और जहांगीर पंडोले पीछे वाली सीटों पर बैठे थे।
अनायता-दरीयस को ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल भेजा गया
हादसे के बाद अनायता और दरीयस को वापी के इंद्रधनुष अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोमवार को यहां के डॉक्टर तेजस शाह ने कहा- जब अनायता और दरीयस को हमारे अस्पताल लाया गया, तो उनकी हालत खराब थी। उनका ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और ब्लड प्रेशर भी हाई था। उन्हें बहुत सारे फ्रैक्चर भी हैं। दोनों को सोमवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल शिफ्ट कर दिया गया है।
हाईवे पर होर्डिंग्स की शिकायत कर चुकी थीं अनायता
साइरस मिस्त्री की कार ड्राइव कर रहीं डॉक्टर अनायता हाईवे पर लगे बेतरतीब होर्डिंग्स को लेकर BMC को शिकायती चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने इन होर्डिंग की वजह से ड्राइविंग में परेशानी की बात भी कही थी। नीचे पढ़िए अनायता की चिट्ठी के मुख्य अंश…
ब्रिटेन में हैं साइरस की पत्नी-बेटे
साइरस मिस्त्री के बेटे और पत्नी एक फैमिली फंक्शन के लिए ब्रिटेन में हैं। उनके सोमवार को मुंबई पहुंचने की संभावना है। साइरस के पिता और बिजनेस टाइकून पालोनजी मिस्त्री (93) का इसी साल 28 जून को निधन हुआ था। साइरस और उनके पिता के निधन के बाद उनके परिवार में पत्नी-बेटे के अलावा उनकी मां पाट्सी पेरिन डुबास, भाई शापूर मिस्त्री के अलावा दो बहनें लैला मिस्त्री और अलू मिस्त्री रह गई हैं।
कार की फोरेंसिक जांच करा रही पुलिस
पुलिस ने बताया-घटनास्थल पर कोई CCTV कैमरा नहीं था और न ही उनकी कार में कोई कैमरा था। सड़क की स्थिति भी अच्छी थी। ऐसे में यह जांच का विषय है कि आखिर गलती कहां हुई है। मोटर वाहन निरीक्षक मनीष मोरे ने बताया कि हादसे का शिकार हुई कार की फोरेंसिक जांच की जा रही है। इससे दुर्घटना की असली वजह जानने में मदद मिलेगी।
उदवाड़ा के पारसी मंदिर का खर्च उठाते थे मिस्त्री
उदवाड़ा के जिस फायर टेंपल से लौटते समय मिस्त्री की कार का एक्सीडेंट हुआ, वहां के पुजारी ने कहा, ‘पालोनजी के निधन के बाद साइरस ने हमारे ईरानशाह (फायर टेंपल) और धर्मशाला का रेनोवेशन करवाया। शापोरजी पालोनजी ग्रुप ने पारसी समाज के विकास के लिए सबसे ज्यादा दान दिया है। यहां देखरेख का सारा खर्च भी वे उठाते हैं। हर कार्यक्रम में सबसे पहले उनके परिवार के लोग यहां पहुंचते थे। हम दुआ करते हैं कि ईरानशाह उनके परिवार को दुख सहन करने की हिम्मत दे।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया
साइरस मिस्त्री के निधन पर PM नरेंद्र मोदी ने संवेदना व्यक्त की है। PM मोदी ने ट्वीट किया- साइरस मिस्त्री का असामयिक निधन स्तब्ध करने वाला है। वे भारत की आर्थिक शक्ति में विश्वास करते थे। उनका निधन उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके परिवार और मित्रों के लिए संवेदनाएं। उनकी आत्मा को शांति मिले। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत कई लोगों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
लंदन से की इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई
साइरस पालोनजी मिस्त्री का जन्म 4 जुलाई 1968 को हुआ था। वो शापूरजी पालोनजी ग्रुप के प्रमुख पालोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे थे। साइरस ने मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद वे सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए। उनके पास लंदन बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री भी थी।
साइरस ने 1991 में अपना फैमिली बिजनेस जॉइन किया था। उन्हें 1994 में शापूरजी पालोनजी ग्रुप का डायरेक्टर नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में कंपनी ने भारत का सबसे ऊंचा रेसिडेंशियल टावर, सबसे लंबा रेलवे पुल और सबसे बड़े पोर्ट का निर्माण किया। पालोनजी ग्रुप का कारोबार कपड़े से लेकर रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी और बिजनेस ऑटोमेशन तक फैला हुआ है।
टाटा ग्रुप के छठे ग्रुप चेयरमैन थे साइरस मिस्त्री
दिसंबर 2012 को रतन टाटा ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट ले लिया था। उसके बाद साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स का चेयरमैन बनाया गया। टाटा के 150 साल से भी ज्यादा समय के इतिहास में साइरस मिस्त्री छठे ग्रुप चेयरमैन थे। वे टाटा सन्स के सबसे युवा चेयरमैन भी थे।
मिस्त्री परिवार की टाटा सन्स में 18% हिस्सेदारी
साइरस के पिता पालोनजी मिस्त्री 2006 में टाटा ग्रुप के बोर्ड से रिटायर हुए थे, जिसके बाद साइरस मिस्त्री ने उनकी जगह ली थी। पालोनजी मिस्त्री टाटा ग्रुप के सबसे बड़े शेयर होल्डर थे। अब भी मिस्त्री परिवार की टाटा सन्स में 18.4% की हिस्सेदारी है। वे टाटा ट्रस्ट के बाद टाटा सन्स में दूसरे बड़े शेयर होल्डर्स हैं।
24 अक्टूबर 2016 को पद से हटाए गए थे
हालांकि चार साल के अंदर ही 24 अक्टूबर 2016 को टाटा सन्स ने उन्हें चेयरमैन पद से हटा दिया था। उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया था। इसके बाद 12 जनवरी 2017 को एन चंद्रशेखरन टाटा सन्स के चेयरमैन बनाए गए थे। इस विवाद को लेकर टाटा सन्स का कहना था कि मिस्त्री के कामकाज का तरीका टाटा सन्स के काम करने के तरीके से मेल नहीं खा रहा था। इसी वजह से बोर्ड के सदस्यों का मिस्त्री पर से भरोसा उठ गया था।