वाराणसी में आठ दिनों से इलाज चल रहे किशोरी की हुई मौत
बलिया/ वाराणसी। नगरा के ताड़ीबड़ागांव रूपवार-सिकरहटा मार्ग पर घायल अवस्था में मिली किशोरी जिंदगी की जंग शुक्रवार को हार गई। वाराणसी में आठ दिनों तक जीवन-मौत के बीच संघर्ष कर रही किशोरी की सांसें शुक्रवार की शाम थम गईं। यह खबर मिलते ही स्वजनों में कोहराम मच गया। गांव के लोग भी गम में डूब गए। गांव में विरोध और आक्रोश को देखते हुए एहतियातन पुलिस बल की तैनाती कर दी गई।
ताड़ीबड़ा गांव के पास रहने वाल किशोरी संग दरिंदगी के बाद जिंदगी की जंग हारने के बाद किशोरी का रात मे ही वाराणसी मे पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। वहीं सुबह ही हरिश्चंद्र घाट पर नगरा पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
ताड़ीबड़ागांव के पास की किशोरी 14 अक्टूबर की शाम गांव के मेले में गई थी। वहां से वह गायब हो गई। अगले दिन शनिवार की सुबह सिकरहटा के पास वह सड़क किनारे घायलावस्था में पड़ी मिली। उसके हाथ की नस कटी हुई थी। पुलिस किशोरी को जिला चिकित्सालय ले गई जहां से वाराणसी रेफर कर दिया गया। इसके बाद स्वजनों की तहरीर पर गांव के ही पास रहने वाले आरोपित युवक नौशाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले में धाराएं बढ़ाई जाएंगी। साक्ष्यों के आधार पर विवेचना की जा रही है।
आरोपित नौशाद को हिरासत में लेकर पुलिस रविवार की भोर में घटनास्थल पर पहुंची। इस दौरान आरोपित ने झोले में छिपाकर रखे कट्टे से पुलिस पर फायर झोंक दिया। जवाबी फायरिंग में उसके पैर में गोली लगी। उसकी निशानदेही पर किशोरी का पर्स, घटना में प्रयुक्त ब्लेड, कट्टा व कारतूस जब्त कर लिया गया। इस घटना को लेकर गांव में तनाव बना हुआ है। यहां लगातार नेता व अधिकारियों का आना -जाना लगा है। घटना के बाद से लगातार गांव और आसपास सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात है।
किशोरी के पिता ने जागरण को बताया कि उनकी बेटी पढ़कर चिकित्सक बनना चाहती थी। दरिंदों ने उसे मार डाला। दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। पीड़िता की मौत के बाद शुक्रवार की देर शाम इंटरनेट मीडिया पर आरोपित को फांसी देने की मांग उठने लगी। उसके बाद विरोध प्रदर्शन का दौर भी गांव में शुरु होने की आशंका के बीच सुरक्षा बढ़ा दी गई है।