6-7 लाख करोड़ का लगा है सट्टा, लोकसभा नतीजों से पहले बाजार की हो रही धक-धक!

6-7 लाख करोड़ का लगा है सट्टा, लोकसभा नतीजों से पहले बाजार की हो रही धक-धक!
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नई दिल्ली। अब लोकसभा काउंटिंग के बस 24 घंटे बचे हैं। नतीजों को लेकर हर आदमी कयास लगा रहा है। एग्जिट पोल के अनुमान भी आ गए हैं। चाय की दुकान-नुक्‍कड़ से लेकर गांवों की चौपाल तक सब लोग अपने-अपने दावे कर रहे हैं। सट्टा बाजार भी इससे अछूता नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई के सट्टा बाजार में छह-सात लाख करोड़ का सट्टा लगने का अनुमान है। ये अब तक का सबसे बड़ा दांव है। अभी तक आमतौर पर सट्टा बाजार में अधिकतक दो लाख करोड़ रुपये तक का ही सट्टा लगा था।

Exit Poll जहां बीजेपी के नेतृत्‍व वाले एनडीए को 350 सीटें देने की बात कर रहा है वहीं सट्टा बाजार के मुताबिक 303 सीटें मिल रही हैं। सट्टा बाजार देश के कई शहरों में अवैध तरीके से चलता है। मुंबई इसका सबसे बड़ा मार्केट है। देश में इसके अलावा 10 सट्टा बाजार माने जाते हैं।

सट्टा बाजार का अनुमान!
2019 की यदि बात की जाए तो उस वक्‍त मुंबई सट्टा बाजार ने बीजेपी को 300-310 सीटें और कांग्रेस को 50-60 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। नतीजों के बाद ये अनुमान काफी हद तक सही रहा। हालांकि 2014 के चुनावों में कांग्रेस को लेकर बाजार सही अनुमान नहीं लगा पाया था।

इस संबंध में यदि मुंबई सट्टा बाजार की बात की जाए तो 2014 के चुनावों में बीजेपी को लेकर उनका अनुमान सही था। हालांकि 2019 के चुनाव में अलायंस के साथ मिलकर पार्टी की संख्‍या बताने के लिहाज से ये अनुमान गड़बड़ कर गए। यानी सट्टा बाजार के अनुमान और असली नतीजों में अंतर हो सकता है। इसलिए इनकी सटीक होने की भविष्‍यवाणी नहीं की जा सकती। कई बार इनका दावा सही बैठता है और कई बार गलत।

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अब सवाल उठता है कि सट्टेबाजी कैसे की जाती है। दरअसल पहले की तरह अब फोन पर सट्टेबाजी नहीं होती। सभी ऑनलाइन पोर्टल और सर्वर विदेश में रखे जाते हैं ताकि पकड़े जाने के बावजूद उनका काम चलता रहे।

5 प्रमुख सट्टा बाजारों का अनुमान

  1. फलोदी सट्टा बाजार (राजस्थान): यह भारत का सबसे प्रसिद्ध सट्टा बाजार है, जो चुनावों, क्रिकेट मैचों और अन्य खेल आयोजनों के लिए भविष्यवाणियां करता है। यहां का लेटेस्ट आंकड़ा ये है कि बीजेपी को 209 से 212 सीटें मिल सकती हैं जबकि एनडीए को कुल 253, इंडिया गठबंधन को 246 सीटें और कांग्रेस को 117 मिल सकती हैं।
  2. इंदौर सट्टा बाजार: यह बाजार शेयर बाजार, मुद्रा बाजार और वस्तु बाजारों सहित विभिन्न वित्तीय बाजारों पर दांव लगाने के लिए जाना जाता है। बीजेपी 260 सीट जीत सकती है। इंडिया को 231 और कांग्रेस को 108 सीट मिलने की उम्मीद है।
  3. हाजी अली सट्टा बाजार (मुंबई): यह मुंबई का एक और प्रसिद्ध सट्टा बाजार है जो क्रिकेट, घुड़दौड़ और अन्य खेल आयोजनों पर दांव लगाने के लिए जाना जाता है। बीजेपी को अकेले 295 से 305 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस को 55 से 65 सीटें मिलने का पूर्वानुमान लगाया गया है।
  4. कलकत्ता सट्टा बाजार (कोलकाता): यह बाजार फुटबॉल, क्रिकेट और अन्य खेल आयोजनों पर दांव लगाने के लिए जाना जाता है। सट्टा मटका और अन्य खेल आयोजनों पर दांव लगाने के लिए भी जाना जाता है। बीजेपी को 218 सीटें, एनडीए को 261 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, कांग्रेस को 128 और इंडिया को 228 सीटें मिल सकती हैं।
  5. करनाल सट्टा बाजार: एनडीए को 263 सीटें और इंडिया को 231 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है। इसके मुताबिक बीजेपी अपने दम पर 235, कांग्रेस 108 पर सफल हो सकती है।
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कैसे लगाया जाता है?
चुनावों के लिए सट्टा बाजार में लोग विभिन्न उम्मीदवारों या पार्टियों के जीतने पर दांव लगाते हैं। दांव लगाने की प्रक्रिया सट्टा बाजार के अन्य प्रकारों के समान ही होती है। चुनावों में, सट्टेबाज विभिन्न उम्मीदवारों या पार्टियों के जीतने की संभावना पर दांव लगाते हैं। वे चुनाव परिणामों का अनुमान लगाने के लिए विभिन्न कारकों पर विचार करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • मतदान सर्वेक्षण: मतदान सर्वेक्षण मतदाताओं की राय का नमूना लेते हैं और चुनाव परिणामों का अनुमान लगाने के लिए इनका उपयोग किया जाता है। पिछले चुनावों के परिणाम यह दर्शा सकते हैं कि कौन से उम्मीदवार या पार्टियां किसी विशेष क्षेत्र में लोकप्रिय हैं।
  • मीडिया कवरेज: मीडिया कवरेज चुनाव में उम्मीदवारों या पार्टियों की छवि को प्रभावित कर सकता है और यह सट्टेबाजों के अनुमानों को प्रभावित कर सकता है।
  • अर्थव्यवस्था की स्थिति: अर्थव्यवस्था की स्थिति मतदाताओं की राय को प्रभावित कर सकती है और यह सट्टेबाजों के अनुमानों को भी प्रभावित कर सकती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सट्टेबाजों के अनुमान हमेशा सही नहीं होते हैं। चुनाव परिणाम कई कारकों से प्रभावित हो सकते हैं जो सट्टेबाजों के अनुमानों में शामिल नहीं हो सकते हैं।
  • जनमत सर्वेक्षण: विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण सट्टेबाजों को यह अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि कौन सा उम्मीदवार या पार्टी जीत सकती है।
  • अन्य कारक: सट्टेबाज उम्मीदवारों या पार्टियों की लोकप्रियता, चुनाव प्रचार अभियानों की प्रभावशीलता और आर्थिक स्थिति जैसे अन्य कारकों पर भी विचार कर सकते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सट्टा बाजार में लगाए गए अनुमान हमेशा सटीक नहीं होते हैं। वे केवल सट्टेबाजों की राय पर आधारित होते हैं और कई कारकों से प्रभावित हो सकते हैं।

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(Note- यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सट्टा लगाते समय नियमों का ध्यान रखना जरूरी है। इस खबर के माध्यम से हमारी नियत किसी भी तरह से सट्टा को प्रमोट करने की नहीं है)


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