भाजपा विधायक केतकी सिंह ने सपा सरकार में मंत्री रहे नारद राय के बयान पर हमला बोला
बलिया | जिले से सियासी बयानबाजी का जो दौर शुरू हुआ है वह अब आपसी वाद विवाद और तंज तक आ गया है। बिहार और महाराष्ट्र के अचानक बदले समीकरणों को देखकर सपा नेताओं के सुर भी बदलने लगे हैं। ताजा मामला बलिया जिले में सपा नेता नारद राय का का है। नारद राय ने बीते दिनों चंदौली जिले में सपा का कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम में सदस्यता अभियान के दौरान प्रदेश में भाजपा सरकार के गिरने की बात कहकर सियासी आरोपों प्रत्यारोपों का दौर शुरू किया था वह अब भी जारी है। उनके बयान पर भाजपा नेता केतकी सिंह ने पलटवार किया है।
नारद राय चंदौली जिले में सपा के सदस्यता अभियान के दौरान दावा किया था कि अखिलेश यादव अगर चाहें तो मात्र 15 दिन में प्रदेश में योगी सरकार को गिरा सकते हैं। इसके पक्ष में उन्होंने दावा किया था कि प्रदेश में ट्रांसफर पोस्टिंंग की वजह से भाजपा के डेढ़ सौ विधायक नाराज चल रहे हैं और सपा के पक्ष में हैं। ऐसे में अखिलेश यादव अगर चाह लें तो 15 दिन में भाजपा सरकार गिर जाएगी। इसके बाद से ही उनका बयान पूर्वांचल के सियासी हलकों में तैर रहा है। इस पर बलिया जिले में भाजपा नेता केतकी सिंह ने कहा कि – सरकार गिराना छोड़ें, पहले अपने स्वयं के विधानसभा क्षेत्र में दम दिखाएं पूर्व मंत्री नारद राय।
बांसडीह विधान सभा क्षेत्र की भाजपा विधायक केतकी सिंह ने सपा सरकार में मंत्री रहे नारद राय के बयान पर हमला बोला है। जिला मुख्यालय पर बुधवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान केतकी ने कहा कि जिस दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाह लेंगे सपा के जीते हुए सभी विधायक भाजपा में आ जाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस गुमान में नहीं रहें।
दरअसल, चंदौली में सदस्यता अभियान के दौरान सपा के पूर्व मंत्री नारद राय ने बड़ा बयान दिया तो इस पर प्रतिक्रिया का दौर शुरू हो गया। उन्होंने दावा किया था कि जिस दिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मन बना लेंगे, उसके 15 दिन के अंदर उत्तर प्रदेश में योगी सरकार गिर जाएगी। भाजपा में कम से कम डेढ़ सौ विधायक और मंत्री लोग दुखी हैं। इस पर बांसडीह की विधायक केतकी सिंह ने कहा कि नारद राय जैसे तमाम नेता, जो अपने मन में खुशफहमी पाल रखे हैं कि योगी सरकार को हम गिरा देंगे। ऐसे लोगों को पहले अपने स्वयं के विधान सभा क्षेत्र में जनता का दिल जीतकर दिखाना चाहिए। चुनाव में जिसे जनता नकार चुकी हो, उनकी बड़ी बातें अच्छी नहीं लगती।