आजमगढ़ के जिला समाज कल्याण अधिकारी ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, पत्नी से विवाद के बाद लिया यह कदम
प्रतापगढ़/आजमगढ़ (जनवार्ता) : उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में तैनात जिला समाज कल्याण अधिकारी आशीष कुमार सिंह ने गुरुवार सुबह अपने पैतृक गांव में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 40 वर्षीय आशीष छुट्टी पर प्रतापगढ़ के पूरे केशवराय गांव में आए हुए थे। पुलिस के अनुसार, पत्नी क्षमा सिंह से फोन पर हुए विवाद के तुरंत बाद उन्होंने यह कदम उठाया। घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया है।


आशीष कुमार सिंह रामबहादुर सिंह के पुत्र थे और बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे। उन्होंने दो साल पहले पीसीएस परीक्षा पास की थी। पहली तैनाती अमरोहा में और दूसरी आजमगढ़ में समाज कल्याण अधिकारी के पद पर मिली थी। सहकर्मियों का कहना है कि आशीष सरल स्वभाव के थे और कभी किसी कर्मचारी को डांटते नहीं थे। आजमगढ़ कार्यालय में उनका चैंबर आज खाली पड़ा रहा, जहां उन्हें ड्यूटी पर लौटना था।
घटना की पूरी कहानी
गुरुवार सुबह आशीष ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार हो रहे थे। उनकी पत्नी क्षमा सिंह सुल्तानपुर के मायके में थीं। फोन पर बातचीत के दौरान दोनों के बीच तेज झगड़ा हो गया। आशीष बाहर निकले और तेज आवाज में बात करते हुए वापस लौटे। फिर वे अपने कमरे में चले गए। परिवार वालों को लगा कि यह उनका आम वैवाहिक विवाद है, इसलिए किसी ने ध्यान नहीं दिया।
15-20 मिनट बाद जब कमरा न खुला, तो छोटे भाई रोहित ने दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने खिड़की से झांका, तो आशीष गमछे की रस्सी से फंदे पर लटके मिले। रोहित ने शोर मचाया और तुरंत पुलिस को सूचना दी। नगर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की पुष्टि हुई है।
वैवाहिक जीवन में दो साल से
आशीष की शादी करीब 10 साल पहले सुल्तानपुर की क्षमा सिंह से हुई थी। दंपति का एक 5 वर्षीय पुत्र है। दो साल से दोनों के बीच विवाद चल रहा था, जिसके चलते क्षमा मायके में ही रह रही थीं। परिवार के अनुसार, पिछले तीन महीनों से विवाद और तेज हो गया था। ससुराल पक्ष के लोग आशीष को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। चाचा पूर्व प्रधान शिवजीत सिंह ने बताया, “पत्नी और उसके परिवार वाले भतीजे को लगातार परेशान कर रहे थे। कुछ दिनों से यह ज्यादा बढ़ गया था।”
कुछ ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि क्षमा सिंह आशीष पर शराब पीकर मारपीट का आरोप लगाती थीं, इसी कारण वे मायके चली गई थीं। हालांकि, पुलिस इसकी जांच कर रही है।
पढ़ाई में हमेशा होनहार रहे आशीष को पहली नौकरी बेसिक शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी के रूप पर मिली। पीसीएस पास करने के बाद वे समाज कल्याण विभाग में आए। आजमगढ़ के कर्मचारियों ने बताया, “आशीष सर का व्यवहार बहुत विनम्र था। वे स्टाफ के साथ परिवार की तरह रहते थे। उनकी मौत से सब स्तब्ध हैं।”
परिवार का दर्द और आशीष का सफर
आशीष के परिवार में मां पुष्पा सिंह, पिता रामबहादुर सिंह के अलावा पांच भाई-बहन हैं। दो बहनों पूर्णिमा और सुजाता की शादी हो चुकी है। बड़े भाई आनंद भूषण कानपुर में प्राइवेट नौकरी करते हैं, जबकि छोटा भाई रोहित प्रतापगढ़ में सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं। रोहित ही माता-पिता के साथ गांव में रहते हैं। आशीष छुट्टी पर अक्सर घर आते थे।
पुलिस का बयान
सीओ सिटी प्रशांत राज हूड्डा ने बताया, “आजमगढ़ में तैनात समाज कल्याण अधिकारी आशीष सिंह ने प्रतापगढ़ के अपने गांव में फांसी लगाकर आत्महत्या की है। पत्नी से विवाद का मामला सामने आ रहा है। परिजनों की शिकायत पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है।” पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सारे साक्ष्य संकलित कर लिए हैं।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में सन्नाटा पसर गया है। आशीष के निधन से न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव को सदमा लगा है। पुलिस ने मामले में कोई सुसाइड नोट नहीं मिलने की बात कही है, लेकिन विवाद की वजह से यह कदम उठाने का अनुमान लगाया जा रहा है।

