रूस में सैन्य अभ्यास के लिए सैनिक भेजेगा चीन, कई देशों की होगी नजर
बीजिंग, एजेंसीः रूस में होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास में चीनी सैनिक शामिल होंगे। चीन के रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रूस में होने वाले रणनीतिक कमान और स्टाफ अभ्यास वोस्तोक-2022 में शामिल होगी।
बता दें कि इस सैन्य अभ्यास में भारत, बेलारूस, ताजिकिस्तान और मंगोलिया भी शामिल हैं। इस सैन्य अभ्यास पर कई देशों की नजर होगी, क्योंकि चीन-ताइवान को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद काफी बढ़ चुका है। साथ ही रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध लंबे समय से जारी है।
चीन होगा सैन्य अभ्यास में शामिल
चीन के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बयान दिया,’चीन-रूस वार्षिकी सैन्य सहयोग योजना और दोनों देशों की सहमति के अनुसार, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी वोस्तोक (पूर्व)- 2022 रणनीतिक अभ्यास में शामिल होने के लिए कुछ सैनिकों को रूस भेजेगी।’
चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत, बेलारूस, तजाकिस्तान और मंगोलिया भी इस सैन्य अभ्यास में अपने सैनिकों को रूस भेजेंगी। वहीं, भारतीय सेना ने अभी तक इस पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
व्यावहारिक और मैत्रीपूर्ण सहयोग बढ़ाने पर चीन का जोर
बयान में कहा गया, ‘इस सैन्य अभ्यास में चीनी सेना की भागीदारी वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर उत्पन्न स्थिति से संबंधित नहीं है, लेकिन अभ्यास में शामिल होने वाले देशों की सेनाओं के साथ व्यावहारिक और मैत्रीपूर्ण सहयोग बढ़ाने, रणनीतिक समन्वय के स्तर को मजबूत करने और विभिन्न सुरक्षात्मक खतरों से निपटने की क्षमता को मजबूत करने के लिए होगा।’
30 अगस्त से 5 सितंबर के बीच सैन्य अभ्यास होने की उम्मीद
रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, वोस्तोक-2022 रणनीतिक कमान और स्टाफ अभ्यास रूस के जनरल स्टाफ के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव की निगरानी में पूर्वी सैन्य जिले के 13 प्रशिक्षण मैदानों में आयोजित किया जाएगा। यह सैन्य अभ्यास 30 अगस्त से 5 सितंबर के बीच हो सकता है।
इससे पहले रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि सैन्य अभ्यास में शामिल होने वाले सैनिक पूर्वी क्षेत्र में सैन्य सुरक्षा बनाए रखने के उपायों पर जोर देगी।
रूस का प्रमुख साझेदार है चीन
बता दें कि चीन, रूस का प्रमुख साझेदार है और रूस से सैन्य उपकरण खरीदता आया है। फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग 1990 से रूसी सैन्य उपकरणों का प्रमुख खरीदार रहा है। जानकारी के अनुसार, रूस की विदेशी सैन्य बिक्री का 25-50 प्रतिशत का खरीददार अकेले चीन है। रूस और चीन के बीच एक समय पर संबंध तनावपूर्ण भी रहे हैं। रूस ने चीन पर बौद्धिक संपदा की चोरी का आरोप लगाया था, लेकिन फिर भी संयुक्त सैन्य अभ्यास जारी है और दोनों देश काफी करीब आए हैं।
2018 में 3,00,000 सैनिकों ने लिया था भाग
बता दें कि इससे पहले वोस्तोक सैन्य अभ्यास 2018 में हुआ था, जिसमें मंगोलिया और चीन शामिल हुआ था। ऐसा पहली बार हुआ था, जब पूर्व सोवियत ब्लॉक के बाहर के देशों ने भाग लिया था। सैन्य अभ्यास में करीब 3,00,000 सैनिकों ने भाग लिया था। साथ ही 36,000 वाहनों, 1,000 विमानों और 80 युद्धपोतों को शामिल किया गया था।