बर्दिया गांव में दो पक्षों में विवाद व मारपीट
घोरावल (सोनभद्र)। कोतवाली क्षेत्र के शिवद्वार चौकी अंतर्गत बर्दिया गांव में दो पक्षों में विवाद व मारपीट हो गई। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। कबुतरी निवासी बर्दिया ने तहरीर देकर बताया कि बीते गुरुवार की दोपहर रविन्दर व रविंदर की पत्नी गीता तथा रामबिलास निवासीगण बर्दिया ने आपस मे जमीन बटवारे को लेकर उसके पुत्र विमलेश जोकि मुहँ से बोल नही पाता है उसको उपरोक्त लोगो ने गाली देते हुए लाठी डंडा से उसके साथ मारपीट की है। जिससे उसके पुत्र को काफी चोट लगी है। बीच बचाव करने पति शिव कुमार पहुंचे तब जाकर विपक्षी छोड़कर भाग गए और जाते समय जान से मारने की धमकी देते गए। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कमलेश पाल ने बताया कि मिली तहरीर पर घायल का मेडिकल परीक्षण सीएचसी में करवाया गया और मामले से जुड़े आरोपित रविंदर, गीता तथा रामविलास के विरुद्ध प्रकरण से जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
घोरावल (सोनभद्र)। घोरावल ब्लॉक के सिहावल में सत्संग हुआ। संसार में जीव जन्म लेता है तब वह पांच ऋण लेकर पैदा होता है। प्रत्येक जीव का कर्तव्य होता है कि वह उपरोक्त ऋण से मुक्त होकर जीवन सार्थक करें। देव ऋण से मुक्ति देवताओं के पूजन एवं सात्विक भाव से प्राप्त किया जा सकता है। ऋषि ऋण से मुक्त होने के लिए जीव को ज्ञान और मुक्ति आवश्यक है। उन्होंने ज्ञान को स्पष्ट करते हुए कहा कि सा विद्या या विमुक्त ये। भूत ऋण से मुक्ति के लिए जीव को संसार में सभी जीवो के प्रति आदर भाव, सम्मान का भाव रखने से प्राप्त होता है। आप्त ऋण से मुक्ति के लिए जीव में ईश्वर के प्रति कृतज्ञता एवं भक्ति भाव आवश्यक है। पितृ ऋण से मुक्त होने के लिए श्रेष्ठ और सत्व गुण से संपन्न संतान की उत्पत्ति से व्यक्ति मुक्त होता है, उक्त बातें वृंदावन के अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक रामजी लाल शास्त्री ने घोरावल तहसील के सिहावल ग्राम में सत्संग को संबोधित करते हुए व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जीव मात्र के प्रति सम्मान की भावना आवश्यक है और व्यक्ति की मुक्ति अंत समय में ईश्वर का स्मरण आवश्यक है। उन्होंने जीव की मुक्ति के लिए कर्म को ईश्वर को समर्पित तथा करता भाव के समापन के द्वारा ही संभव है। अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक राम जी लाल शास्त्री ने शुक्रवार को सिहावल ग्राम स्थित रामनिवास शुक्ला के आवास पर एक दिवसीय सत्संग में व्यक्त किया। इसके पूर्व श्री शास्त्री ने ऐतिहासिक शिवद्वार धाम में उमामहेश्वर के दरबार में मत्था टेका व दर्शन और पूजन किया। उक्त अवसर पर पुजारी सुरेश गिरी, ओंकार नाथ बक्शी,कैलाश नाथ, जुगल किशोर, डॉ परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव पुष्कर, राजेंद्र कुमार शुक्ला, धीरज कुमार, रामलाल बैसवार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।