युवाओं में नशें की लत ने,कहीं का नहीं छोड़ा,परिजन अपने बुढ़ापे की लाठी के भविष्य को लेकर दुखी
मिर्जापुर। मिर्जापुर देहात कोतवाली मिर्जापुर के अन्तर्गत शाहपुर,बरकछा,चौसा अन्य इर्द-गिर्द गांवों के ज्यादातर युवा वर्ग नशें खोरी में इस कदर फंस गए हैं।कि इनके बिगड़े भविष्य को लेकर परिजन ख़ून के आंसू रोने को मजबूर हैं।घर में ठीक से खाने को नहीं है। बेटा हेरोइन का एक कस लेने के लिए व्याकुल हैं। बाप अपने बुढ़ापे के लाठी रूपी बेटे को नशें के लत से चकनाचूर बेहाल चारपाई तड़पता देख अपनी आंखें बंद कर ले रहा है। लेकिन आंखें बंद कर लेनें से हकीकत छुपने वाली कहां है। देश के भविष्य युवा, किशोरों में ,नशा की लत ने, दम तोड दिया है । नशीले पदार्थो का सेवन लगातार करके पूर्ण तरह से नशें के गिरफ्त में चलें जा रहें। वगैर नशे के इनका चलना फिरना दूभर है।नशा खोरी ने इनको युवा अवस्था में ही लाठी पर ले जाकर खड़ा कर दिया। इनकी नशें के लत ने घर की ग़रीबी बड़ा दी है। आखिर सोचने की बात उत्पन्न हो जाती है कि युवाओं व किशोरों में नशें की लत पड़ा कैसे । क्षेत्र में मादक पदार्थो की बिक्री फल फूल रहीं हैं। मादक पदार्थो की बिक्री फल फूल रहीं हैं तो पुलिस क्या कर रही है। मादक पदार्थों के तस्करों को दबोचने में क्यों असमर्थ हैं। इसे पुलिस की लापरवाही माने कि मिली भगत। पुलिस मादक पदार्थो के तस्करी के रोक थाम में जी जान लगाकर सक्रिय होती। तो आज युवाओं में इतना नशा खोरी नहीं पनपता । मादक पदार्थो के सप्लायरों का मनोबल चरम सीमा पर नहीं होता। एक , दो ,जो मादक पदार्थो के सप्लायर क्षेत्र में मादक पदार्थो की सप्लाई करते हुए पकड़े जा रहे हैं। वो क्षेत्र में सप्लाई करने का हिम्मत ही नहीं करते। इन मादक पदार्थो के तस्करों का मनोबल उंचा करने में कुछ हद तक पुलिस का हाथ है कहा जा सकता है। आज क्षेत्र में इतनी तेजी से बढ़ती मादक पदार्थो की तस्करी न होती तो आज युवा वर्ग इतनी बुरी तरह से नशें के गिरफ्त नहीं फंसता।