कानपूर में बलवंत हत्याकांड में परिवार से मिले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
कानपूर | सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को कानपुर देहात पहुंचे। पुलिस की बर्बरता का शिकार हुए व्यापारी बलवंत सिंह के परिजनों से अखिलेश मुलाकात करने उनके घर पहुंचे। अखिलेश के स्वागत के लिए भारी संख्या में सपाई कानपुर देहात पहुंचे।
मौके पर भीड़ इतनी बढ़ गई कि पुलिस और पब्लिक के बीच धक्का मुक्की हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री ने बलवंत सिंह के परिजनों को पांच लाख रुपये समाजवादी पार्टी की ओर से देने की बात कही। भाजपा से रिटायर जज से मामले की जांच की मांग की। साथ ही सरकार से बलवंत की पत्नी को सरकारी नौकरी व एक करोड़ मुआवजा देने की बात कही।
पत्नी शालिनी ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मदद की गुहार लगाई थी। इसके लिए शालिनी ने उन्हें पत्र भेज बड़ा भाई बताते हुए बहन की मदद की बात लिखी थी। शिवली के लालपुर सरैंया निवासी बलवंत सिंह की पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी। बलवंत की पत्नी शालिनी ने अखिलेश यादव के नाम एक पत्र लिखा था। पत्र में शालिनी ने लिखा था कि मैं बलवंत की पत्नी शालिनी आपसे हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि मेरे पति को पुलिस हिरासत में मार दिया गया। अब आप को मुझे इंसाफ दिलाने के मेरे घर आना होगा। मेरे पति की मौत के मामले में मुझे न्याय दिलाने के लिए मेरे साथ खड़े हों।
यह था मामला
शिवली के मैथा क्षेत्र में सराफा व खाद व्यापारी चंद्रभान सिंह को बाइक सवार बदमाशों ने छह दिसंबर को लूट लिया था। इस वारदात का खुलासा करने के लिए एसओजी व शिवली थाना पुलिस ने संदेह के आधार पर पांच लोगों को हिरासत में लिया था। इसमें चंद्रभान का भतीजा व व्यापारी बलवंत सिंह भी शामिल था। रनियां थाने में पूछताछ के दौरान पुलिस वालों ने बेरहमी से बलवंत को पीटा था। इससे उसकी जान चली गई थी। मामले में एसपी सुनीति ने 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित था। बलवंत हत्याकांड में तत्कालीन एसओजी प्रभारी निलंबित दरोगा प्रशांत गौतम, हेड कांस्टेबल दुर्वेश कुमार और कांस्टेबल सोनू यादव को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी। अभी इस मामले में चार पुलिस कर्मी फरार हैं। बलवंत प्रकरण की जांच कन्नौज एसपी के नेतृत्व में गठित एसआईटी कर रही है।