गुजरात की श्वेता पटेल को हो सकती है 30 साल सजा,1.5 मिलियन डॉलर की ठगी मामले में फ्लोरिडा में अरेस्ट
अहमदाबाद। अमेरिका के फ्लोरिडा में डेढ़ मिलियन डॉलर (1.25 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने श्वेता पटेल (42) नाम की गुजराती महिला को अरेस्ट किया है। फ्लोरिडा में ब्रैडेंटन पुलिस विभाग का मानना है कि धोखाधड़ी में कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। अप्रैल में पुलिस को शिकायत मिली थी कि एक 80 साल के अमेरिकी व्यक्ति के साथ 1.5 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी की गई है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि बुजुर्ग व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी फरवरी 2024 में शुरू हुई थी। जिसमें कथित तौर पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह में शामिल दो लोग शामिल थे। जिन्होंने उनसे 1.5 मिलियन डॉलर की उगाही की थी। वे पहले पीड़ित के घर पहुंचे थे और इसके बाद बुजुर्ग व्यक्ति को डराया-धमकाया था। इस दौरान उन्होंने फेडरल एजेंट बताते हुए बुजुर्ग के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने का हवाला दिया था।
स्टिंग ऑपरेशन के जरिए ठगी
इस मामले की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी जिम कुरुलाना के अनुसार पीड़ित के घर आए दो फर्जी एजेंटों ने संदेह से बचने के लिए अपने सुपरवाइजर को फोन करने का नाटक किया था। एक नकली संघीय एजेंट के नकली सुपरवाइजर के रूप में बोलने वाली एक महिला ने चर्चा की कि यदि पीड़ित जेल नहीं जाना चाहते तो वे क्या कर सकते हैं। फिर उसी महिला ने पीड़ित को दिन में दो से तीन बार फोन किया, जिसने पीड़ित को आश्वस्त किया कि वह सामाजिक सुरक्षा घोटाले करने वाले लोगों को पकड़ने में पुलिस की मदद कर सकती है। इसके लिए जालसाज गिरोह ने ‘फर्जी स्टिंग ऑपरेशन’ की कहानी बनाकर पीड़ित से टुकड़ों-टुकड़ों में डेढ़ करोड़ डॉलर का सोना खरीदा और अलग-अलग ठिकानों पर अपने आदमियों से सोना भी वसूला।पीड़ित को तब यह लगा कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए संघीय एजेंटों की मदद कर रहा है, और जिन लोगों को वह सोना दे रहा था, वे स्टिंग ऑपरेशन कर रहे थे। हालांकि हकीकत में ऐसा कुछ नहीं था। ठगी करने वाला गिरोह पुलिस की मदद का झांसा देकर पीड़ित को धोखा दे रहा था।
कैसे आया श्वेता पटेल का नाम?
पीड़ित के रिटायरमेंट फंड से खरीदा गया सोना, जिसे पीड़ित धोखाधड़ी गिरोह के लोगों को दे रहा था। पीड़ित को आश्वासन दिया था कि उन्हें पैसे वापस मिल जाएंगे, लेकिन धोखाधड़ी गिरोह ने पीड़ित से 1.5 मिलियन डॉलर का भारी भरकम सोना इकट्ठा करने के बाद उससे संपर्क करना बंद कर दिया। तब उसे शक हुआ और उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने उन स्थानों की सर्विलांस फुटेज की जांच की, जहां पीड़ित ने सोना दिया था। कोर्ट में दायर हलफनामे के मुताबिक पुलिस ने पीड़ित से सोना इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल की गई एक कार का पता लगाया और इसकी जांच के दौरान श्वेता पटेल का नाम सामने आया।
श्वेता बोली,मेरा काम बैग उठाना था
जॉर्जिया में रहने वाली श्वेता पटेल ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया कि इस मामले में उसका काम सिर्फ बैग उठाना था और किंग नाम का एक शख्स उसे इस काम के लिए निर्देश दे रहा था। श्वेता ने यह भी कबूल किया कि उसने कुछ दिन पहले नॉर्थ कैरोलिना के एक बूढ़े आदमी से 25 हजार डॉलर वसूले थे। इस मामले में पुलिस ने अब तक गिरफ्तार एकमात्र आरोपी श्वेता पटेल पर एक लाख डॉलर से ज्यादा की चोरी का आरोप लगाया है। श्वेता पटेल के खिलाफ आरोप प्रथम श्रेणी का अपराध है, जिसमें दोषी पाए जाने पर 30 साल तक की जेल और 10,000 डॉलर के जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस को शक है कि इस बात की पूरी संभावना है कि यह रैकेट अमेरिका के अलग-अलग राज्यों से संचालित किया जा रहा है। हाल ही में अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में ऐसे ढेरों मामले सामने आए हैं जिनमें बुजुर्गों को निशाना बनाया गया और उनसे लाखों डॉलर का सोना ऐंठ लिया गया और ऐसे कई मामलों में गुजरातियों को गिरफ्तार भी किया गया है।