भारत ने की तेल खरीद में कटौती तो रूस को होने लगा नुकसान,क्या करेंगे पुतिन?
नई दिल्ली। भारत ने तेल खरीद में कटौती कर दी तो रूस को नुकसान होने लगा है। रूस को अब वही तेल 7 डॉलर के डिस्काउंट के साथ बेचना पड़ रहा है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि पुतिन इस घाटे से खुद को बचाने के लिए क्या करेंगे? क्या वो एक बार फिर भारत को उसी डिस्काउंट रेट पर तेल बेचने को राजी हो जाएंगे?
आपको बता दें कि भारत और रूस के बीच तेल की खरीद-बिक्री 13 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से होती थी। इसके बाद रूस ने डिस्काउंट में सीधे 9 डॉलर की कमी कर दी और फिर भारत को 4 डॉलर के डिस्काउंट पर ही तेल खरीदना पड़ रहा था। ऐसे में भारत ने तेल खरीद में कटौती कर दी थी।
दाम बढ़ने के कारण आयातकों ने मांग घटाई
चीन से भी कम हो गई तेल की मांग
क्रूड की मांग कम होने के कारण गिरे भाव
दाम बढ़ने के कारण आयातकों ने मांग घटाई
रूस ने जैसी ही दाम बढ़ाया, भारत के आयातकों की मांग घटने लगी। ऐसे में रूस में क्रूड ऑयल के दाम घटने लगे। दाम घटने के पीछे ये भी एक कारण हो सकता है कि भारत के तेल खरीद में कटौती करते ही चीन ने भी तेल खरीद में कटौती कर दी थी, जो रूस के लिए डबल ट्रबल जैसा हो गया।
आपको बता दें कि यूक्रेन पर हमला करने से पहले भारत क्रूड ऑयल का छोटा आयातक था। कुछ महीने पहले भारत ने इस मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया। एक रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि भारतीय रिफाइनरियां डिलीवरी के आधार पर रूस से कच्चा तेल खरीदती हैं, जिससे शिपिंग और बीमा की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी मास्को पर आ जाती है, लेकिन अब भारत के तेल खरीदने में कटौती करने से भी रूस को ज्यादा नुकसान हो रहा है।
पाकिस्तान ने रूस से कच्चे तेल के आयात को रोका
जब पाकिस्तान ने भारत को सस्ते भाव में तेल मंगवाते देखा तो उसने भी रूस से ही तेल मंगाने का फैसला किया। एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि जब पाकिस्तान ने तेल मंगवाया तो रूस ने दो शिपमेंट में खराब क्वालिटी का तेल भेज दिया। ये तेल इतना खराब था कि पाकिस्तान की रिफाइनरी ने भी इसे प्रोसेस करने में अपना दम तोड़ दिया। इससे पाकिस्तान को इतना घाटा हुआ कि उसे पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने पड़ गए और फिर पाकिस्तान ने रूस से कच्चे तेल के आयात को रोक दिया।