घर में रखी देव मूर्ति अगर हो जाए खंडित तो घबराएं नहीं,करें ये उपाय
नई दिल्ली। घरों के पूजा घर में बरसों से रखी देव मूर्तियां कभी कभी अचानक खंडित हो जाती हैं,यह अपने आप भी हो सकती हैं और सफाई आदि करने के लिए खिसकाने पर भी हो जाती हैं। ऐसा होने पर मन में तरह तरह की आशंकाएं आती हैं और मानने लगते हैं कि यह किसी अशुभ का सूचक है। समाज में भी इस विषय के बारे में कुछ भी न जानने वाले भी विशेषज्ञ बन कर तरह तरह की सलाह देने लगते हैं। इन सब बातों को सुनकर व्यक्ति का मन अज्ञात भय की आशंका में घिर जाता है कि अब कोई बड़ा अनर्थ होने वाला है। इस लेख में हम इस तरह के सभी सवालों का जवाब देंगे जो आपकी शंकाओं और भ्रम को समाप्त करेगा।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि मूर्ति का खंडित होना किस बात का संकेत है,इसमें मूर्ति स्वतः भी खंडित हो सकती है या फिर किसी अन्य मानवीय कारण से भी हो सकती है। मूर्ति का खंडित होना इस बात द्योतक मानना चाहिए कि आप और आपके परिवार पर कोई आपदा आने वाली थी जो टल गई है या उसका कुप्रभाव मूर्ति ने अपने ऊपर ले लिया है। इसलिए इससे भयभीत होने वाली कोई बात नहीं है किंतु मूर्ति के खंडित होते ही आपका इस खंडित मूर्ति के प्रति दायित्व कुछ बढ़ गया है।
खंडित मूर्ति को किसी चौराहे पर लावारिस न छोड़ें
मूर्ति खंडित होने के बाद उसका अनादर करना ठीक नहीं है। खंडित मूर्ति का पूरे आदर,श्रद्धा और आस्था के साथ विसर्जन करना चाहिए न कि किसी चौराहे पर या पेड़ के नीचे लावारिस स्थिति में रख देना चाहिए। कई बार देखने में आता है कि सड़क किनारे या फिर किसी वृक्ष के नीचे खंडित मूर्तियां रखी होती हैं। यह बहुत ही दुखद स्थिति है क्योंकि जिस मूर्ति का पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ आप रोज भगवान के रूप में पूजन करते थे,उनका इस तरह से अपमान क्यों? मूर्तियों को इस दशा में देख कर किसी के भी मन में सवाल उठना स्वाभाविक है कि कोई ‘कैसे भगवान की इन मूर्तियों का अनादर कर सकता है? कैसे उन्हें कचरा बन जाने के लिए सड़क के किनारे फेंक सकता है?
कैलेंडर या फोटो के टूटने पर क्या करें
घर में जो स्थिति किसी देव मूर्ति की है,वही स्थिति किसी देवता के कैलेंडर या फोटो की भी होती है। जिस कैलेंडर या फोटो के सामने आप रोज श्रद्धा के साथ सिर नवाते हैं,उसके टूटने या फटने का भी वही प्रभाव है जो भगवान की मूर्ति टूटने का होता है। यदि किसी भगवान की फोटो फ्रेम में है और वह टूट जाती है तो उसके फ्रेम और कांच से अलग करके फोटो का विसर्जन करना चाहिए। लेकिन किसी चौराहा पर लावारिस स्थिति में कतई नहीं रखना चाहिए।
पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ करें विसर्जन
खंडित हुई मूर्ति का विसर्जन पूरी श्रद्धा आस्था और सम्मान के साथ करना चाहिए. पहले तो नदियों का जल जब निर्मल और अविरल बहता था तो उसे प्रवाहित जल में विसर्जन कर दिया जाता था किंतु अब नदी प्रदूषण को देखते हुए विसर्जन प्रतिबंधित है तो उसके शास्त्र सम्मत विकल्प भी सामने आए हैं। हमेशा ध्यान रखिए कि मूर्ति मिट्टी की ही खरीदें,प्लास्टर ऑफ पेरिस की कतई नहीं क्योंकि मिट्टी तो पंचतत्व है किंतु प्लास्टर ऑफ पेरिस नहीं।. मिट्टी की मूर्ति का भू विसर्जन भी किया जा सकता है, किसी पार्क या नदी किनारे के भाग में एक गड़्ढा खोद कर उसमें विसर्जन किया जा सकता है।
कुछ समय में मिट्टी मिट्टी में मिल जाएगी। इसी तरह किसी फोटो के खंडित होने पर उसका विसर्जन भी इसी रीति से कर सकते है,कागज भी मिट्टी के सानिध्य में आकर गल जाएगा। ध्यान रखें घर में रखने के लिए हमेशा छोटी मूर्ति ही लें। वैसे तो दीपावली के बाद बहुत सी समाज सेवी संस्थाएं भू विसर्जन के लिए गणेश लक्ष्मी की पुरानी मूर्तियों को घरों में आकर कलेक्ट करने लगी हैं।