एक्सीडेंट केस में कोर्ट ने नाबालिग के दादा को 28 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा,आरोप
नई दिल्ली। पुणे की एक अदालत ने पोर्श दुर्घटना मामले में शामिल किशोर के दादा को 28 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। दरअसल पुणे पुलिस ने दावा किया कि पोर्श दुर्घटना मामले में आरोपी किशोर के पिता और दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने परिवार के ड्राइवर को हादसे की जिम्मेदारी लेने के लिए पहले पैसे और उपहारों का लालच दिया और फिर धमकी दी। इसी कड़ी को जोड़ने के लिए पुलिस ने आज नाबालिग के दादा को अदालत में पेश किया। इसमें पुलिस ने कोर्ट से नाबालिग के दादा को सात दिन की हिरासत देने का अनुरोध किया। इस पर कोर्ट ने उन्हें 28 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। बता दें कि इस हादसे में अनीश अवधिया और उसके साथी अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी।
दादा ने ड्राइवर पर बनाया था दबाव
पुणे क्राइम ब्रांच की ओर से दर्ज एक नए मामले में सुरेंद्र अग्रवाल को शनिवार सुबह 3 बजे उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। पोर्शे क्रैश मामले में यह तीसरी एफआईआर है। आरोप है कि दादा ने ड्राइवर को यह दावा करने के लिए मजबूर किया कि वह 19 मई को हुई दुर्घटना के समय कार चला रहा था। पुलिस आयुक्त ने कहा कि दुर्घटना के बाद वाहन चालक ने थाने में बयान दिया कि वह हादसे के समय कार चला रहा था। लेकिन पता चला है कि किशोर कार चला रहा था।
ड्राइवर को बंगले पर ले जाकर किया था कैद
कुमार ने कहा कि ड्राइवर के यरवडा थाने से जाने के बाद रास्ते में दोनों आरोपी उसे अपने बंगले पर ले गए और उसका मोबाइल फोन लेकर वहीं कैद कर दिया। अधिकारी ने कहा कि ड्राइवर पर उनके निर्देशों के अनुसार पुलिस को बयान देने का दबाव डाला गया। पहले उसे जिम्मेदारी लेने के लिए पैसे और उपहार का लालच दिया गया और फिर धमकी दी गई।
ड्राइवर की पत्नी ने वहां पहुंचकर उसे छुड़ाया
पुलिस प्रमुख ने कहा कि अगले दिन ड्राइवर की पत्नी ने वहां पहुंचकर उसे छुड़ाया। कुमार ने कहा कि ड्राइवर डर गया। उसे तलब कर गुरुवार को बयान दर्ज किया गया। तथ्यों की पुष्टि के बाद किशोर के पिता और दादा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस मामले में पुलिस ने परिवार के ड्राइवर की शिकायत पर किशोर के पिता विशाल अग्रवाल और दादा के खिलाफ मामला दर्ज किया है।