सामूहिक विवाह सम्मेलन में पहले जोड़ों का कराया गया ‘धर्म परिवर्तन’,फिर दिलाई ‘हिंदू-विरोधी’शपथ
नई दिल्ली। राजस्थान के भरतपुर में सामूहिक विवाह सम्मेलन के दौरान कथित तौर पर ‘हिंदू-विरोधी’ शपथ दिलाने का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया। रविवार को संत रविदास सेवा समिति की तरफ से सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया था जहां 11 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया। सम्मेलन से अब कई वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें उन 11 जोड़ों को ‘हिंदू-विरोधी शपथ’ दिलाते देखा जा सकता है।
ऐसा भी कहा जा रहा है कि उन सभी जोड़ों का ‘धर्म परिवर्तन कराकर बौद्ध धर्म भी गृहण’ कराया गया है। इसके बाद ही सभी विवाहित जोड़ों को 22 शपथ दिलाई गई। बता दें कि ये सामूहिक विवाह सम्मेलन कुम्हेर कस्बे के एक निजी मैरिज होम में कराया गया था। संत रविदास सेवा समिति की तरफ से ये पांचवां आयोजन था।
‘हिंदू-विरोधी’हरकत
इस बीच, समाज प्रतिनिधि शंकरलाल बौद्ध ने बताया कि “इस सामूहिक विवाह के जरिए सामाजिक संदेश दिया गया है। लोग शादी के नाम पर बेवजह का खर्च करते हैं। एक शादी में जितना खर्च होता है, उससे कम खर्च में यहां 11 शादियां हो गई हैं”। उन्होंने आगे कहा कि “समाज की 22 प्रतिज्ञाएं हैं जो बौद्ध धर्म का कवच हैं। ये प्रतिज्ञाएं इसलिए दिलाई जाती हैं ताकि तथाकथित लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए बौद्ध धर्म में मिलावट न कर सकें। बौद्ध धर्म को शुद्ध रखने के लिए ये प्रतिज्ञाएं दिलाई जाती हैं”।
उन्होंने आगे कहा कि ‘हम संत रविदास, भगवान बुद्ध और बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलकर ही इस तरह के आयोजन करते हैं’। बता दें कि आयोजन से वायरल हो रहे वीडियो में सभी 11 जोड़ों को हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ दिलाई जा रही है। ब्रह्मा, विष्णू, महेश को भगवान नहीं मानने और उनकी पूजा नहीं करने की प्रतिज्ञा दिलाई जा रही है। ईश्वर के अवतार लेने पर विश्वास नहीं करने की भी शपथ दिलाने की झलक वीडियो में देखी जा सकती है।