क्या होता है क्वाडकॉप्टर,जिससे इजरायल ने ईरान पर कर दिया बड़ा पलटवार

क्या होता है क्वाडकॉप्टर,जिससे इजरायल ने ईरान पर कर दिया बड़ा पलटवार

नई दिल्ली। इजरायल ने जिस तरह ईरान पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया है,इस तरह की खबरों ने पूरी दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के इस्फहान शहर में शुक्रवार तड़के तेज धमाके की आवाजें सुनाई दीं।

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अमेरिकी अधिकारी ने ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टर एबीसी को बताया कि इजराइल ने ईरान की एक साइट पर मिसाइलें दागी हैं। इसके बाद से इसफहान एयरपोर्ट के पास से विस्फोट की रिपोर्टें आनी शुरू हो गई थीं। लेकिन ईरान ने बताया है कि इजरायल ने क्वाडकॉप्टर (Quadcopter) से हमला किया था। जिसको हवा में ही मार दिया गया है। रॉयटर्स से बातचीत में ईरान के अधिकारियों ने किसी भी मिसाइल हमले से इनकार किया है। ईरान की स्पेस एजेंसी के प्रवक्ता होसैन डेलिरियन ने एक ट्वीट में इसे “कुछ क्वाडकॉप्टर के साथ एक असफल हमला” बताया है।

डेलिरियन ने तो साफ तौर पर कह दिया है कि इस्फहान या हमारे देश के किसी अन्य हिस्से को निशाना बनाकर इजरायल ने कोई हमला नहीं किया है। हां, यह जरूर है कि हमारे एरिया में कुछ क्वाडकॉप्टर को तैनान करने की इजरायल की कोशिश थी, लेकिन समय रहते ही उसे आसमान में ही मार दिया गया। आइए जानते हैं आइए जानते हैं क्या क्वाडकॉप्टर (Quadcopter)।

क्वाडकॉप्टर
क्वाडकॉप्टर एक खास तरह का ड्रोन होता है। जिसमें चार अलग उड़ने के लिए पंखों की व्यवस्था होती है जो रोटर्स कहलाते हैं। इसी लिए इन्हें क्वाडरोटर भी कहा जाता है। अनमैन्ड एरियर व्हीकल (UAV) जो ड्रोन के नाम से ज्यादा प्रचलित हैं। ड्रोन्स रिमोट कंट्रोल से संचालित होते हैं। एक बाज के आकार के या उससे छोटे बड़े हो सकते हैं। यानि ये छोटे एरोप्लेन या छोटे हैलीकॉप्टर होते हैं। आजकल ड्रोन और क्वाडकॉप्टर शब्द एक ही चीज के लिए बहुत ज्यादा उपयोग में आते हैं।

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रिमोट से होते हैं कंट्रोल
क्वाडकॉप्टर हमेशा रिमोट कंट्रोल से ही संचालित होते हैं। इसके दो रोटर घड़ी की सुइयों की दिशा में और दो रोटर घड़ी की सुइयों की विपरीत दिशा में घूमते हैं। अगर सभी रोटर्स एक ही दिशा में घूमेंगे तो क्वाडकॉप्टर की उड़ान नियंत्रित नहीं हो पाएगी और इसके साथ ही चौथा रोटर बेकार हो जाएगा। दो अलग दिशाओं के रोटर होने से इसकी उड़ान नियंत्रित करना संभव हो जाता है।

क्वाडकॉप्टर में समय के साथ कई तरह की तकनीकें जुड़ गई हैं। कम्प्यूटरसे नियंत्रित होना, जीपीएस से जुड़ना और भी तकनीक इस उकरण को एक बहुत ही कारगर हथियार तक बना सकती हैं। अभी तक इसकी सबसे लंबी उड़ान 2 घंटे तीस मिनट तक की बताई गई है जो की सीमा पार करने के लिए काफी समय होता है।

क्वाडकॉप्टर का काम
आमतौर पर क्वाडकॉप्टर के वही उपयोग हैं जो किसी ड्रोन के ,वैसे तो क्वाडकॉप्टर या ड्रोन को बच्चों के खिलौने, विडियो या तस्वीरों को खींचने के काम में भी बहुत ज्यादा उपयोग में लिया जाता है, लेकिन इसका सबसे अधिक उपयोग सेना में ही होता है। जिससे किसी कठिन भूभागों में नजर रखना। किसी सीमा के दूसरी तरफ का जायजा लेना शामिल है।

इजरायल क्वाडकॉप्टर की ताकत
आईडीएफ के एक वरिष्ठ सूत्र के अनुसार, ड्रोन की सबसे खास बात यह है कि बिना देरी के लक्ष्य तक पहुंच जाती है। इसके रखरखाव में आसानी होती है। इंजन की खराबी के बाद भी लक्ष्य को भेद सकता है। अगर कोई खतरे की चेतावनी आती है तो कुछ ड्रोन की लाइटें अपने आप बंद हो जाती हैं।

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इजराइल ने अमेरिका की मदद से कई वर्षों में एक बहुस्तरीय हवाई रक्षा नेटवर्क बनाया है जिसमें लंबी दूरी की मिसाइल, क्रूज़ मिसाइल, ड्रोन और कम दूरी के रॉकेट सहित विभिन्न प्रकार के हमलों को रोकने में सक्षम तंत्र शामिल हैं। इजरायल के सुरक्षा कवच में आयरन बीम से लेकर द एरो तक कई तुरुप के इक्के हैं। इनके रहते दुश्मन के हथियार इजरायल की धरती को छू भी नहीं सकते हैं।

Shiv murti

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