केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन का 101 वर्ष की आयु में निधन
कम्युनिस्ट आंदोलन की मजबूत आवाज़, लंबे समय से चल रहे स्वास्थ्य संघर्ष के बाद बोले अंतिम अलविदा
तिरुवनंतपुरम (जनवार्ता)| केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता वी.एस. अच्युतानंदन का सोमवार को निधन हो गया। वे 101 वर्ष के थे और पिछले कई महीनों से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। उन्होंने आज दोपहर एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, अच्युतानंदन को पिछले महीने दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद से वे अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी। आज सुबह मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, माकपा के वरिष्ठ नेताओं सहित कई गणमान्य लोग उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे थे।
वी.एस. अच्युतानंदन वामपंथी राजनीति के एक जुझारू योद्धा रहे। वे 1985 से 2009 तक सीपीएम की पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे और बाद में उन्हें केंद्रीय समिति में भेजा गया। अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में उन्होंने नारियल के रेशे के मजदूरों, ताड़ी निकालने वालों और खेतिहर मज़दूरों के अधिकारों के लिए जोरदार अभियान चलाया।
2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री रहे अच्युतानंदन को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख और सामाजिक न्याय की नीतियों के लिए जाना गया। उन्होंने सूचना अधिकार कानून को लागू करने में अहम भूमिका निभाई और भूमि सुधार जैसे मुद्दों पर हमेशा मुखर रहे।
उनके निधन से वामपंथी राजनीति को एक गहरा झटका लगा है। सीपीएम सहित अन्य वाम दलों ने उन्हें जनआंदोलनों की धड़कन और आदर्श राजनीतिक शुचिता का प्रतीक बताया। पार्टी की ओर से जारी शोक संदेश में कहा गया कि “अच्युतानंदन के जाने से एक युग का अंत हुआ है।”
सरकार ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने की घोषणा की है। मंगलवार को उनके पार्थिव शरीर को पार्टी मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।