स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को राहत, कोर्ट में सरेंडर के बाद मिली अंतरिम जमान
वाराणसी | सात साल पुराने प्रतिकार यात्रा मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गुरुवार को जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। कोर्ट ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की अतंरिम जमानत याचिका स्वीकार करते हुए 20 हजार के व्यक्तिगत बंध पत्र पर रिहा करने का आदेश दिया। इसके साथ ही नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 23 दिसंबर की तिथि तय की।
इससे पहले बीते अक्तूबर माह में विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) सियाराम चौरसिया की अदालत ने अविमुक्तेश्वरानंद की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। दो-तीन दिन पहले ही स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का काशी आगमन हुआ। गुरुवार को उन्होंने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें अंतरिम जमानत भी मिल गई। इस दौरान कचहरी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद नजर आई।
प्रतिकार यात्रा के दौरान हुआ था भारी बवाल
वर्ष 2015 में गणेश प्रतिमा के गंगा में विसर्जन नहीं करने के विरोध में निकाले गए प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए बवाल में दशाश्वमेध थाने में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी मामले में बीते दिनों अदालत ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, महंत बालक दास सहित 25 लोगों को फरार घोषित किया था।
साथ ही, सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उनकी संपत्ति के कुर्की का आदेश पुलिस को दिया था। अदालत ने कहा था कि इस मामले में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट एडीसीपी काशी जोन कोर्ट में पेश करेंगे।
कोर्ट के सख्त रुख के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन पत्र दाखिल किया गया था। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।