टलने वाला है गो फर्स्ट का संकट,2 महीने से बंद हैं उड़ानें,अब तैयार हुआ 425 करोड़ का ये प्लान
नई दिल्ली। वित्तीय संकट से जूझ रही विमानन कंपनी गो फर्स्ट के लिए लंबे अंतराल के बाद कुछ राहत देने वाली खबर सामने आई है। करीब 2 महीने से विमानों को खड़े रखने पर मजबूर कंपनी को अंतरिम फंडिंग मिलने का रास्ता साफ हो गया है। कंपनी के क्रेडिटर्स ने इसके लिए मंजूरी दे दी है।
अभी इन मंजूरियों की जरूरत
ईटी की एक खबर के अनुसार,गो फर्स्ट के क्रेडिटर्स ने 425 करोड़ रुपये की अंतरिम फंडिंग को मंजूरी दी है,जो कंपनी की हालत को सुधारने पर केंद्रित है। हालांकि अभी इस योजना को सभी संबंधित बैंकों के निदेशक मंडलों की मंजूरी मिलनी बाकी है। जब बैंकों के बोर्ड इस फंडिंग की योजना को मंजूर कर देंगे,तब डीजीसीए से मंजूरी लेने की जरूरत पड़ेगी।
आरपी ने मांगी इतनी फंडिंग
गो फर्स्ट के क्रेडिटर्स में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया,बैंक ऑफ बड़ौदा और आईडीबीआई बैंक शामिल हैं। गो फर्स्ट के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल शैलेंद्र अजमेरा ने कंपनी के क्रेडिटर्स से रिवाइवल प्लान के लिए 425 करोड़ रुपये के अंतरिम वित्त पोषण की मांग की थी। इस फंडिंग से गो फर्स्ट को फिर से अपनी उड़ानें व अन्य परिचालन को शुरू कर पाने में मदद मिलेगी।
3 मई से ही बंद हैं उड़ानें
कंपनी ने 3 मई को इन्सोल्वेंसी के लिए फाइल किया था और तब से ही उसकी उड़ानें बंद हैं। कंपनी उसके बाद कई बार परिचालन को फिर से शुरू करने की डेडलाइन बढ़ा चुकी है। गो फर्स्ट ने रविवार को भी इस बारे में नया डेडलाइन दिया है। अब कंपनी का कहना है कि उसकी 28 जून 2023 तक की शेड्यूल्ड उड़ानें रद्द रहेंगी।
ये है गो फर्स्ट की योजना
गो फर्स्ट की योजना अगले महीने से उड़ानों को शुरू करने की है। इससे पहले कंपनी ने कहा था कि वह मई के अंत तक फिर से परिचालन को शुरू करना चाहती है। हालांकि कंपनी को लगातार अपनी योजना टालने पर मजबूर होना पड़ा। अभी गो फर्स्ट की योजना 22 विमानों की मदद से 78 दैनिक उड़ानों को संचालित करने की है। इसके लिए क्रेडिटर्स से अंतरिम फंडिंग का मिल जाना बहुत जरूरी है।