इस बैंक के विनिवेश की प्रक्रिया शुरू, वित्त मंत्री ने किया था ऐलान!
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2021 में बजट पेश करते हुए IDBI बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. केंद्र सरकार ने विनिवेश के मोर्चे पर फटाफट फैसले लेने का संकेत दे दिया है. इस कड़ी में LIC के बाद सरकारी बैंक IDBI बैंक का दूसरा नाम आ रहा है. IDBI Bank के विनिवेश को लेकर मई तक कई बड़े अपडेट्स सामने आने वाले हैं. इसकी बड़ी वजह यह है कि शेयर बाजार में लगातार सुधार देखने को मिल रहे हैं. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2021 में बजट पेश करते हुए IDBI बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. लेकिन कोरोना संकट की वजह से मामला अटक गया था.
IDBI बैंक का होगा निजीकरण
लेकिन अब IDBI बैंक के विनिवेश पर तेजी से काम हो रहा है. सरकार IDBI Bank के विनिवेश को लेकर रोड शो कर रही है, जो अप्रैल तक जारी रहेगी. सरकार अब बेहतर वैल्यू के साथ इस बैंक को बेचने की तैयारी में है. खबर है कि सरकार मई में बोलियां आमंत्रित यानी रुचि पत्र (EoIs) मंगवाने की योजना बन रही है. इस खबर के बीच बुधवार को IDBI बैंक के शेयर 7.85 फीसदी चढ़कर 48.75 रुपये पर बंद हुआ. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में पिछले साल मई में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक हुई थी, जिसमें एक तरफ IDBI Bank के रणनीतिक विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी. साथ ही दूसरी तरफ बैंक के मैनेजमेंट कन्ट्रोल को भी ट्रांसफर करने की अनुमति दे दी गई थी.
IDBI बैंक में सरकार-LIC की हिस्सेदारी
अभी IDBI Bank में भारत सरकार की 45.48% और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की 49.24% हिस्सेदारी है. कुल मिलाकर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से IDBI Bank में सरकार की 94% से अधिक हिस्सेदारी है. वर्तमान में एलआईसी IDBI Bank की प्रमोटर है और उसी के पास उसका मैनेजमेंट कन्ट्रोल है. सरकार IDBI बैंक में अपनी पूरी 45.48 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. LIC के बोर्ड ने एक प्रस्ताव पास किया है कि वो भी IDBI Bank में अपनी हिस्सेदारी को कम करेगी. हालांकि सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए इसमें बदलाव कर सकती है. कम हिस्सेदारी बेचकर भी प्रबंधन नियंत्रण ट्रांसफर कर सकती है.