बिजली कर्मियों का निजीकरण के खिलाफ मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग

बिजली कर्मियों का निजीकरण के खिलाफ मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग

वाराणसी (जनवर्ता)। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के बैनर तले सोमवार को बनारस के बिजली कार्यालयों पर बिजली कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव और बिजली दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी को जनविरोधी करार देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप कर इस प्रक्रिया को निरस्त कराने की मांग की।

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कर्मचारियों ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु तैयार किए गए दस्तावेज और ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट (DSBD) 2025 को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश में 42 जिलों की करोड़ों रुपये की विद्युत परिसंपत्तियों को जिस दस्तावेज के आधार पर निजी घरानों को सौंपने की तैयारी है, वह न तो सार्वजनिक है और न ही भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि निजीकरण प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और कुछ चुनिंदा निजी घरानों तथा मीटर आपूर्तिकर्ता कंपनियों से मिलीभगत कर दस्तावेज तैयार किया गया है। समिति ने यह भी कहा कि 2020 में बनाए गए ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट पर विभिन्न संगठनों ने आपत्ति दर्ज की थी, लेकिन अब 2025 के संस्करण का हवाला देते हुए आरएफपी डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है, जबकि इसे न तो राज्यों को भेजा गया और न ही आपत्तियां मांगी गईं।

इस बीच अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विद्युत सचिव रहे पूर्व आईएएस अधिकारी ई.ए.एस. शर्मा ने भी इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन की मीटर आपूर्तिकर्ता कंपनियों से मिलीभगत और फंडिंग की जांच की जानी चाहिए। शर्मा ने यह भी आश्चर्य जताया कि पूर्व विद्युत सचिव आलोक कुमार किस प्रकार इस एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं, जबकि उन्हें भलीभांति जानकारी है कि यह संस्था निजीकरण और स्मार्ट मीटर कंपनियों की पैरवी करती है।

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संघर्ष समिति ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण का देश का सबसे बड़ा निजीकरण प्रयोग किया जा रहा है, तब उपभोक्ताओं और किसानों का यह अधिकार है कि प्रक्रिया पारदर्शी हो और सभी दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं।

सभा को ई. मायाशंकर तिवारी, ई. नीरज बिंद, अंकुर पाण्डेय, ई.एस.के. सिंह, रोहित कुमार, पंकज यादव, बृजेश यादव, अमित कुमार, अरुण कुमार, यमुना सिंह, मनोज यादव, मनोज जैसवाल, देवेंद्र कुमार, हिमांशु कुशवाहा, अम्बरेश सिंह सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

Shiv murti

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