‘श्रीप्रकाश शुक्ल-चुनी हुई रचनाएं’ का लोकार्पण

‘श्रीप्रकाश शुक्ल-चुनी हुई रचनाएं’ का लोकार्पण

सोलह पुस्तकों से चयनित रचनाओं का संकलन,आलोचक प्रो. कमलेश वर्मा ने किया संपादन

rajeshswari

वाराणसी (जनवार्ता)। हिंदी विभाग, बीएचयू के आचार्य रामचंद्र शुक्ल सभागार में प्रतिष्ठित कवि, आलोचक व गद्यकार प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल की पुस्तक ‘श्रीप्रकाश शुक्ल-चुनी हुई रचनाएं’ का लोकार्पण व परिचर्चा आयोजित हुई। यह संकलन उनकी सोलह पुस्तकों से चयन कर आलोचक प्रो. कमलेश वर्मा ने तैयार किया है।

मुख्य अतिथि प्रो. सुरेंद्र प्रताप ने कहा कि श्रीप्रकाश शुक्ल के रचनाकर्म का केंद्रीय आधार संवादधर्मिता है। मुख्य वक्ता प्रो. ओमप्रकाश सिंह ने इसे श्रमसाध्य संकलन बताते हुए कहा कि श्रीप्रकाश शुक्ल विषय को सरल शब्दावली में प्रस्तुत करते हैं। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. वशिष्ठ द्विवेदी ने कहा कि उनकी रचनाओं में साफगोई और सम्प्रेषणीयता विशेष रूप से दिखती है।

लेखक प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि यह संचयन नहीं बल्कि विवेकपूर्ण चयन है। उन्होंने अपने लेखन के दो बिंदु नवाचारिता और प्रश्नाकुलता बताए। सम्पादक प्रो. कमलेश वर्मा ने कहा कि पुस्तक में उनके रचनाकर्म के विविध पक्षों का प्रतिनिधित्व करने का प्रयास किया गया है।

डॉ. प्रभात कुमार मिश्र, डॉ. महेंद्र प्रसाद कुशवाहा व अन्य वक्ताओं ने संकलन को विवेकपूर्ण और प्रतिनिधि बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विंध्याचल यादव ने, स्वागत डॉ. राजकुमार मीणा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रविशंकर सोनकर ने किया। कुलगीत आदित्य व अपराजिता ने प्रस्तुत किया।

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Shiv murti

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