पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन,पीएम ने जताया शोक

पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन,पीएम ने जताया शोक

काशी की होली के सूरों का सितारा ढला

rajeshswari

वाराणसी (जनवार्ता) : हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दिग्गज और पद्मविभूषण से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र का गुरुवार सुबह 4:15 बजे मिर्जापुर में उनकी बेटी के घर पर निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार थे। उनके निधन से भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई है।

पंडित छन्नूलाल मिश्र का जन्म 3 अगस्त 1936 को आजमगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर में संगीत की शिक्षा ग्रहण की और लगभग चार दशक पहले वाराणसी में बसकर संगीत साधना को नया आयाम दिया। खयाल, ठुमरी, भजन, कजरी, चैती और दादरा जैसी शास्त्रीय और उपशास्त्रीय विधाओं में उनकी गायकी ने उन्हें देश-विदेश में ख्याति दिलाई। खास तौर पर उनकी गाई होली “फागुन मास के समय खेले मसाने में होली, दिगंबर खेले मसाने में होली” काशी की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी थी।

सम्मान और योगदान
पंडित छन्नूलाल मिश्र को उनके अप्रतिम योगदान के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया। साल 2000 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2010 में पद्मभूषण और 2020 में देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मविभूषण प्रदान किया गया। वह ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के शीर्ष ग्रेड कलाकार रहे और संस्कृति मंत्रालय (उत्तर-केंद्रीय) के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।

*संघर्ष और साधना की मिसाल
पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “छन्नूलाल जी का जीवन संघर्ष और समर्पण की मिसाल है। काशी के ठाकुर जयदेव सिंह से संगीत की दीक्षा लेकर उन्होंने शास्त्रीय और उपशास्त्रीय संगीत को समृद्ध किया। उनका जाना बनारस संगीत घराने के लिए अपूरणीय क्षति है।”

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*राजनीतिक और सामाजिक योगदान
पंडित छन्नूलाल मिश्र 2014 में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन के प्रस्तावक भी रहे, जो उनके सामाजिक प्रभाव को दर्शाता है।

**परिवार और अंतिम संस्कार
पंडित जी अपने पीछे एक बेटे, रामकुमार मिश्र, और तीन बेटियों—अनीता, ममता और नम्रता—को छोड़ गए हैं। उनकी एक बेटी संगीता का निधन कोविड काल में हो गया था। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार आज वाराणसी में किया जाएगा।

**काशी की होली अधूरी 
पंडित छन्नूलाल मिश्र की गायकी के बिना काशी की होली को अधूरा माना जाता था। उनकी मधुर आवाज और शास्त्रीय संगीत के प्रति समर्पण को देश हमेशा याद रखेगा। उनके निधन से भारतीय संगीत जगत ने एक अनमोल रत्न खो दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते x पर लिखा-

सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे जीवनपर्यंत भारतीय कला और संस्कृति की समृद्धि के लिए समर्पित रहे। उन्होंने शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ही भारतीय परंपरा को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने में भी अपना अमूल्य योगदान दिया। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे सदैव उनका स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा। साल 2014 में वे वाराणसी सीट से मेरे प्रस्तावक भी रहे थे। शोक की इस घड़ी में मैं उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। ओम शांति!

Shiv murti

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