यमुना के पानी ने तोड़ा 45 साल का रिकॉर्ड,बढ़ा बाढ़ का खतरा,केजरीवाल ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
नई दिल्ली। यमुना के पानी ने तोड़ा 45 साल का रिकॉर्ड, बढ़ा बाढ़ का खतरा, केजरीवाल ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंगयमुना के पानी ने तोड़ा 45 साल का रिकॉर्ड,बढ़ा बाढ़ का खतरा, केजरीवाल ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग।
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 207.55 मीटर पर पहुंच गया है जो कि पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा है। दिल्ली में यमुना ने वर्ष 1978 के 207.49 मीटर के अब तक के सर्वाधिक रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। लगातार बढ़ रहे पानी की वजह से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इस खतरे को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई।
बढ़ते जलस्तर से शहर में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक दिल्ली सचिवालय में होगी जिसमें सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण निचले इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़-निगरानी पोर्टल के अनुसार,पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जल स्तर 2013 के बाद पहली बार सुबह चार बजे 207 मीटर के निशान को पार कर गया था और बुधवार को सुबह आठ बजे तक बढ़कर यह 207.25 मीटर तक पहुंच गया।
दिल्ली में पिछले तीन दिनों में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसका जलस्तर रविवार को सुबह 11 बजे 203.14 मीटर दर्ज किया गया था, जो उम्मीद से 18 घंटे पहले ही खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया। यमुना का जलस्तर सोमवार की रात 206 मीटर के निशान को पार कर गया था,जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा और सड़क और रेल यातायात के लिये पुराने रेलवे पुल को बंद कर दिया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश से ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में जल का स्तर बढ़ने और संतृप्त मिट्टी के कारण यमुना के जलस्तर में अचानक वृद्धि हुई। विभाग ने बताया कि निचले इलाके में रहने वाले लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
उन्होंने बताया कि जागरूकता,निकासी और बचाव कार्य के लिए 45 नावें तैनात की गई हैं और निकाले गए लोगों को राहत प्रदान करने के लिए गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जा रही है। बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।
विभाग ने कहा,’पुराने रेलवे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। अतिरिक्त पानी छोड़ने और लंबे समय तक उच्च जल स्तर को रोकने के लिए ओखला बैराज के सभी दरवाजे खोल दिए गए हैं।’
विभाग ने बताया कि इस काम के लिये संबंधित जिलों के सभी जिलाधिकारी और उनकी सेक्टर समितियां सतर्क हैं और बाढ की स्थिति से निपटने के लिये सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करते हुए काम कर रही हैं.