हमारी कमाई सरकार ले रही,ब्रोकर के सवाल पर वित्त मंत्री का जवाब सुनकर आप भी हंसेंगे
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बुधवार को बीएसई के एक प्रोग्राम के दौरान पेचीदा सवाल का सामना करना पड़ा। कार्यक्रम के दौरान स्टॉक ब्रोकर ने शेयर मार्केट और रियलएस्टेट के लेनदेन पर लगाए जाने वाले गए टैक्स को लेकर वित्त मंत्री के सामने चिंता जताई। इस सवाल को वित्त मंत्री की तरफ से मजाकिया अंदाज में टाल दिया गया। जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। यूजर्स वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से दी गई प्रतिक्रिया को सही नहीं बता रहे।
टैक्स की रकम पर सवाल उठाया
ब्रोकर ने सवाल करते हुए सरकार को ‘स्लीपिंग पार्टनर’ बताया और कहा कि मैं निवेश कर रहा हूं, रिस्क लेता हूं और सरकार मेरे निवेश पर मुझसे ज्यादा फायदा ले रही है।’ ब्रोकर ने कहा सरकार जीएसटी, आईजीएसटी, स्टांप ड्यूटी, सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स के जरिये खूब कमाई करती है। फायदे के एक हिस्से के रूप में सरकार को स्लीपिंग पार्टनर बताते हुए ब्रोकर ने घर खरीदने पर चुकाए जाने वाले टैक्स की रकम पर भी सवाल उठाया।
घर खरीदने से नकदी की शर्त हटा दी
ब्रोकर ने कहा कि सरकार घर खरीदने वालों से स्टांप शुल्क और जीएसटी के तौर पर कमाई करती है। सवाल करने वाले ने कहा, सरकार ने घर खरीदने से नकदी की शर्त हटा दी है। मौजूदा समय में मुंबई में घर खरीदना काफी मुश्किल है, क्योंकि मैं कर चुका रहा हूं और मेरे पास व्हाइट मनी है…अब हमें हर चीज का पेमेंट चेक से करना होगा।’ इसलिए वहीं मेरा बैंक बैलेंस है, जो मैंने सरकार को टैक्स चुकाने के बाद छोड़ा है। मैं फिर से घर खरीदने जा रहा हूं तो मुझे 11 प्रतिशत स्टांप फीस और जीएसटी देना होगा। उन्होंने पूछा कि वित्त मंत्री सीमित संसाधनों वाले किसी व्यक्ति को घर खरीदने में कैसे मदद करेंगे।
मजाकिया अंदाज में दिया जवाब
ब्रोकर की तरफ से किए गए इन सवालों पर पहले तो वित्त मंत्री ने किसी प्रकार का जवाब नहीं किया लेकिन जब उनसे इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया तो वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने मजाकिया अंदाज में कहा- एक स्लीपिंग पार्टनर यहां बैठकर जवाब नहीं दे सकता। उनकी तरफ से दी गई इस प्रतिक्रिया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वित्त मंत्री की तरफ से दी गई प्रतिक्रिया की लोग आलोचना कर रहे हैं। एक्स यूजर्स को वित्त मंत्री की तरफ से कुछ गंभीर जवाब की उम्मीद थी।
उनका मानना है कि शेयर बाजार ट्रांजेक्शन और रियल एस्टेट मार्केट में टैक्स बढ़ने से निवेशकों और घर खरीदारों पर असर पड़ा है। बीएसई के कार्यक्रम के दौरान ही वित्त मंत्री ने शेयर बाजार और सेबी के साथ मिलकर काम करने की अपील की थी।