मोदी कैबिनेट ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी,ये है मकसद
नई दिल्ली। पीएम मोदी के नेतृत्व में बुधवार (4 जनवरी) को हुई कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि भारत ग्रीन हाइड्रोजन का ग्लोबल हब बनेगा। प्रतिवर्ष 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन होगा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि 60-100 गीगावाट की इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता को तैयार किया जाएगा। इलेक्ट्रोलाइजर की मैन्युफैक्चरिंग और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर 17,490 करोड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ग्रीन हाइड्रोजन के हब को विकसित करने के लिए 400 करोड़ का प्रावधान किया है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,744 करोड़ रुपए की मंजूरी आज दी गई है. इस मिशन से 8 लाख करोड़ रुपये का सीधा निवेश होगा और इससे 6 लाख नौकरियां इससे मिलेंगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 382 मेगावाट के सुन्नी बांध हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश के लिए मंजूर किया गया है। इसमें 2,614 करोड़ रुपए की लागत आएगी। ये सतलुज नदी पर बनेगा।