जब इंदिरा के समय नदी में गिर गई ट्रेन,7 बोगियों में सवार 750 लोगों की मौतें;नहीं मिल पाई थी कई पैसेंजर्स की लाश

जब इंदिरा के समय नदी में गिर गई ट्रेन,7 बोगियों में सवार 750 लोगों की मौतें;नहीं मिल पाई थी कई पैसेंजर्स की लाश
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नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे की चर्चा इन दिनों हर तरफ हो रही है। इस वीभत्स रेल हादसे की जांच CBI द्वारा कराई जा रही है। मगर आज हम प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में हुए एक ऐसे ट्रेन हादसे के बारे में बताने जा रहे हैं जो भारत ही नहीं विश्व की भयावह ट्रेन हादसों में एक था। आज इस ट्रेन हादसे की 42वीं बरसी है।

6 जून 1981 का वो दिन जो बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस दिन बागमती नदी पर भयावह रेल हादसा हुआ था। सहरसा-मानसी रेलखंड के धमारा घाट के पुल संख्या 51 पर हुई यह रेल दुर्घटना भारत की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी दुर्घटना थी। इस रेल दुर्घटना की 42वीं बरसी है फिर से इस हादसे की चर्चा हो रही है।

6 जून की वो काली तारीख
आज से ठीक 42 साल पहले 6 जून की तारीख वो काली तारीख थी जिसे आज भी याद करके आज भी रूह कांंप जाता है। शाम का समय था यात्रियों से भरी खचाखच ट्रेन मानसी से सहरसा जा रही थी। बाहर तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश हो रही थी। ट्रेन के अंदर मौजूद यात्री मस्ती मिजाज के मूड में सफर कर रहे थे। जो कि अमूमन रेल यात्री में हुआ करती है। मगर उनहें क्या पता था कि यह उनके जीवन का आखिरी सफर है।

बागमती नदी पर पुल संख्या-51 पर हादसा
ट्रेन जैसे ही मानसी-सहरसा रेल खंड पर बदला-धमारा घाट स्टेशन को पार करती हुई बागमती नदी पर बने पुल संख्या-51 पर पहुंची। तभी अचानक ड्राइवर ने ब्रेक लगा दिया और ट्रेन की 9 में 7 बोगियां पुल संंख्या 51 को तोड़ते हुए नीचे उफान मारती बागमती नदी में समा गई।

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हादसे में 750 लोगों की हुई थी मौत
इस हादसे में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 750 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, इस हादसे में बड़ी संख्या में तो यात्रियों का कोई अता-पता ही नहीं चला। इसे देश के सबसे बड़े और विभत्स ट्रेन हादसों में शुमार किया जाता है।

घटना के बारे में जो बताया जाता है उसके मुताबिक, जब ट्रेन बागमती नदीं को पार कर रही थी तभी ट्रैक पर गाय-भैंस की झुंड सामने आ गई थी। जिसे बचाने के चक्कर में ड्राइवर ने ब्रेक लगा दी थी। वहीं, कुछ लोगों का कहना था कि बारिश काफी तेज हो रही थी। जिसकी वजह से यात्रियों ने सभी खिड़कियों को बंंद कर दिया था बाहर तूफान काफी तेज था जिसकी वजह से पूरा दवाब ट्रेन पर पड़ा गया और बोगियां अनियंत्रित होकर पलट गई। हालांकि, ड्राइवर के ब्रेक लगाने की बात सामने आई थी पर उसने ब्रेक क्यों लगाया था यह खुलासा नहीं हो पाया था।


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