पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन के शुभ अवसर पर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 8 चीतों को छोड़ा
भारत आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 72वां जन्मदिन मना रहा है। पीएम मोदी के जन्मदिन पर देशभर में कई तरह के खास कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अपने जन्मदिन पर पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आठ चीतों को छोड़ा है। नामीबिया से आठ चीतों को लेकर विशेष मालवाहक विमान से ग्वालियर लाया गया। इसके बाद इन्हें चिनूक हेलीकॉप्टर से कीनो राष्ट्रीय उद्यान ले जाया गया। अधिकारियों ने कहा कि इन आठ चीतों में पांच मादा और तीन नर हैं। नामीबिया से ‘प्रोजेक्ट चीता’ के हिस्से के रूप में इन्हें भारत लाया गया है। राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से आए चीता छोड़ने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि इससे भारत की प्रकृति प्रेरणा तेजी से जागृत होगी।
मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो राष्ट्रीय पार्क में नामीबिया से आए 8 छीतों को छोड़ने के बाद पीएम मोदी ने चीता मित्रों से संवाद किया। इस दौरान पीएम मोदी ने चीता से जुड़ी जानकरियां इन लोगों से साझा की।
पीएम मोदी ने कहा कि इन चीतों का जरिए हमारे जंगल का एक बड़ा शून्य भर रहा है। हमारे यहां बच्चों को चीता के बारे में ज्यादा कुछ पता ही नहीं है। भारत में अब बच्चे चीता को अपने ही देश में देख पायेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि आज हम पूरे दुनिया को संदेश दे रहे हैं कि हम पर्यावरण के साथ विकास भी कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हम पांचवी अर्थव्यवस्था भी बने हैं और पर्यावरण का संरक्षण भी कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि कुनो नेशनल पार्क में इन चीतों को देखने के लिए लोगों को धैर्य दिखाना होगा और कुछ महीनों तक इंतजार करना होगा। ये चीते इस इलाके से अनजान मेहमान बनकर आए हैं। कुनो राष्ट्रीय उद्यान को अपना घर बनाने में सक्षम होने के लिए हमें इन चीतों को कुछ महीने का समय देना होगा।
– पीएम मोदी ने कहा कि किसी जीव जंतु का अस्तित्व हमारी वजह से मिट जाए यह कितना दुखद है। हमारी युवा पीढ़ी को पता ही नहीं है कि चीता हमारे यहां कई साल पहले विलुप्त हो चुके हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि चीतों के साथ भारत की प्रकृति प्रेरणा तेजी से जागृत होगी। मुझे विश्वास है कि यह चीते न केवल प्रकृति के प्रति जिम्मेदारियों का बोध कराएंगे बल्कि हमारी मानवीय मूल्यों से भी अवगत कराएंगे। साथ ही कहा कि मुझे विश्वास है कि ये चीते हमें अपने मानवीय मूल्य से भी अवगत कराएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में हमने अपनी विरासत पर गर्व और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के पंच प्राणों को दोहराया है।
मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पीएम मोदी ने नामीबिया से आए 8 चीते को छोड़ दिया है। पीएम मोदी ने बाड़े के दरवाजे खोल कर इन चीतों को जंगल में छोड़ा है।
पीएम मोदी के कूनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मित्रा ने उनका जोरदार स्वागत किया। पीएम मोदी अब से कुछ ही देर में नामीबिया से आए आठ चीतों को राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कूनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंच गए हैं। अब से कुछ ही देर में नामीबिया से आए 8 चीतों को इस राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ेंगे। इस दौरान पीएम मोदी के साथ राज्यपाल मंगू भाई पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत कई शीर्ष नेता और अधिकारी मौजूद हैं।
– मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चिनूक हेलीकॉप्टर से आठ चीतों को उतारा गया है। पीएम मोदी कुछ ही देर में इन चीतों को राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ेगें। पीएम मोदी भी नई दिल्ली से रवाना होकर ग्वालियर पहुंच गए हैं। कुछ ही देर में राष्ट्रीय उद्यान पहुंचेगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली से ग्वालियर के लिए रवाना हो गए हैं। ग्वालियर से वो श्योपुर स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान जाएंगे। अपने 72वें जन्मदिन पर पीएम मोदी इस राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से भारत आए आठ चीतों को छोड़ेंगे।
चीतों के स्वास्थ्य परीक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अब इन्हें ग्वालियर से विशेष हेलीकॉप्टरों से कूनो के लिए रवाना किए जाएगा। एयरफोर्स स्टेशन पर मौजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक शिफ्टिंग स्वास्थ्य परीक्षण लगभग पूर्ण हो चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी सुबह करीब 9.20 बजे नई दिल्ली से ग्वालियर हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे। इसके बाद यहां से केएनपी (Kuno National Park) के लिए रवाना होंगे। जहां वह आज सुबह करीब 10.45 बजे चीतों को जंगल में छोड़ देंगे।
इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने पीएम मोदी को जन्मदिन पर बधाई दी। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के लिए यह एक बड़ी सौगात है। इससे बड़ी सौगात हो नहीं मिल सकती कि चीते नामीबिया से भारत और भारत में भी मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क आ रहे हैं।
केएनपी में प्रधानमंत्री द्वारा जंगली चीतों की रिहाई भारत के वन्य जीवन और इसके आवास को पुनर्जीवित करने और विविधता लाने के उनके प्रयासों का हिस्सा है। भारत में सबसे तेज भूमि पशु की शुरूआत प्रोजेक्ट चीता के तहत की जा रही है। यह दुनिया की पहली अंतर-महाद्वीपीय जंगली मांसाहारी ट्रांसलोकेशन परियोजना है l बता दें कि 1952 में भारत में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। आज जिन चीतों को छोड़ा जाएगा, वे नामीबिया के हैं और उन्हें इस साल की शुरुआत में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के तहत लाया गया है।