बिहार में जातिगत जनगणना का पहला चरण शुरू,डिप्टी सीएम ने बताए फायदे
बिहार। बिहार में शनिवार से जाति आधारित जनगणना शुरू हो गई है। जनगणना का पहला चरण 7 जनवरी से शुरू हुआ है और 21 जनवरी तक चलेगा। इसके फायदे को लेकर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव निश्चिंत नजर आ रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, “जाति आधारित जनगणना सरकार को साइंटफिक तरीके से विकास के कामों को करने में सक्षम बनाएगी। गरीबों के लाभ के लिए जाति आधारित जनगणना हो रही है। राज्य में सभी घरों की जनगणना की जाएगी। विरोधी पार्टियां नहीं चाहतीं कि ऐसा हो। जनगणना में जातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थितियां के बारे में जानकारी ली जाएगी।”
वित्तीय स्थिति के बारे में ली जाएगी जानकारी
तेजस्वी यादव ने आगे कहा, “इससे बिहार में रह रहे लोगों की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी पता चलेगी, जो देश के विकास के लिए फायदेमंद होगी। हमने अपने अधिकारियों को जातिगत जनगणना के लिए ट्रेनिंग दी है। इससे राज्य को लाभ भी होगा और देश का विकास भी होगा।”
ये है जातिगत जनगणना का प्लान
बता दें कि जातिगत जनगणना का निर्णय पिछले साल 2 जून को बिहार कैबिनेट ने लिया था। यह जनगणना बिहार के 38 जिलों में हो रही है जिनमें 534 ब्लॉक और 261 शहरी स्थानीय निकाय हैं। एक अनुमान के अनुसार, बिहार मेंं 2.58 करोड़ घर हैं जहां 12 करोड़ 70 लाख की आबादी निवास करती है। ये सर्वेक्षण 31 मई 2023 तक पूरा हो जाएगा।