‘जो देश आतंकवाद को करें सपोर्ट…भुगतना पड़े अंजाम’,मोदी की चीन-पाकिस्तान को खरी-खरी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नो मनी फॉर टेरर को लेकर आयोजित मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्हें खरी-खरी सुनाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार (18 नवंबर) को पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं, वहीं कुछ अन्य देश आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को रोकने की अप्रत्यक्ष रूप से कोशिश करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को इसकी कीमत चुकाने के लिए मजबूर किए जाने की बात कही।
आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर ‘नो मनी फॉर टेरर’ विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में 70 से ज्यादा देशों और अतंरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने यह बात कही। पीएम मोदी ने कहा, आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश करने वाले संगठनों और व्यक्तियों को भी अलग-थलग किए जाने की आवश्यकता है।
पीएम मोदी बोले छद्म युद्ध भी खतरनाक और हिंसक
उन्होंने कहा, ‘‘यह सर्वविदित है कि आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से पैसा मिलता है। एक स्रोत किसी देश से मिलने वाली मदद है। कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय संगठनों को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध नहीं हो रहा है तो इसका मतलब शांति है। छद्म युद्ध भी खतरनाक और हिंसक होते हैं।’’
आतंकवाद के खिलाफ दुनिया हो एकजुट
भारत लंबे समय से कहता आ रहा है कि पाकिस्तान भारत में, खासकर जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी हमले के लिए आतंकवादी संगठनों को हर प्रकार से मदद पहुंचाता है। पीएम मोदी ने कहा, ‘‘ऐसे मामलों में कोई अगर-मगर हस्तक्षेप नहीं कर सकता। आतंकवाद के हर तरह के प्रत्यक्ष और परोक्ष समर्थन के खिलाफ दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में आदर्श रूप से किसी को भी दुनिया को आतंकवाद के खतरों की याद दिलाने की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ हलकों में आतंकवाद के बारे में अभी भी कुछ गलत धारणाएं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अलग-अलग हमलों को लेकर प्रतिक्रिया की गंभीरता इस आधार पर अलग-अलग नहीं हो सकती कि यह किस जगह हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी आतंकवादी हमलों का एक समान विरोध होना चाहिए और कार्रवाई भी एक जैसी होनी चाहिए।
चीन को लेकर पीएम मोदी का इशारा
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसके बावजूद कभी-कभी, आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को अवरुद्ध करने के लिए आतंकवाद के समर्थन में अप्रत्यक्ष तर्क दिए जाते हैं।’’ उनका इशारा स्पष्ट तौर पर चीन की ओर था। मालूम हो कि चीन ने कई मौकों पर आतंकवादियों, विशेषकर भारत में आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों व संगठनों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र द्वारा कार्रवाई करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को विफल किया है।
आतंकवाद को उखाड़ फेंकने तक चैन से नहीं बैठेंगे
आतंकवाद को मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला करार देते हुए मोदी ने कहा,‘‘इसकी कोई सीमा नहीं होती है। हमें आतंकियों के पीछे लगे रहना चाहिए, उनके सहयोगी नेटवर्क को तोड़ना और वित्त स्रोतों पर हमला करना चाहिए। केवल एक समान, एकीकृत, शून्य सहिष्णुता दृष्टिकोण ही आतंकवाद को हरा सकता है।’’पीएम मोदी बोले,आतंकवाद के वित्तपोषण का एक स्रोत संगठित अपराध है, जिसे अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘गिरोहों के आतंकवादियों के साथ गहरे संबंध हैं। बंदूक, मादक पदार्थ और तस्करी से प्राप्त पैसे को आतंकवाद में लगाया जा रहा है… आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संगठित अपराधों के खिलाफ कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण है। आतंकवाद को उखाड़ फेंके जाने तक देश चैन से नहीं बैठेगा।’’
जो देश सपोर्ट करे उसे समर्थन न मिले
मोदी ने कहा कि दशकों से विभिन्न नामों और रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की और इस वजह से देश ने हजारों कीमती जीवन खो दिए लेकिन इसके बावजूद देश ने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि एक हमला भी बहुत ज़्यादा है। यहां तक कि एक जिंदगी का जाना भी बहुत अधिक है… तो आतंकवाद के जड़ से उखड़ने तक हम रुकने वाले नहीं हैं।’’प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यापक रणनीति के बिना आतंकवाद के वित्त पोषण पर चोट करने का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता और इस दिशा में अभी तक जो रणनीतिक बढ़त मिली है, वह भी कहीं पीछे छूट जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि संप्रभु देशों को अपनी प्रणालियों पर अधिकार है, लेकिन ‘‘हमें चरमपंथी तत्वों को प्रणालियों के बीच मतभेदों का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा,‘‘जो कोई भी कट्टरपंथ का समर्थन करता है,उसे किसी भी देश में समर्थन नहीं मिलना चाहिए।’’
भारत ने आतंकवाद की भयावहता झेली
सम्मेलन के भारत में आयोजन की अहमियत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा जब दुनिया ने आतंकवाद को गंभीरता से लेना शुरू किया, उससे पहले भारत ने इसकी भयावहता झेली है। मोदी ने कहा कि आतंकवाद का दीर्घकालिक स्वरूप विशेष रूप से गरीबों या स्थानीय अर्थव्यवस्था पर चोट करता है, चाहे वह पर्यटन हो या व्यापार। उन्होंने कहा कि कोई भी उस क्षेत्र में जाना पसंद नहीं करता है जो खतरे में है और इसके कारण लोगों की रोजी-रोटी छिन जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अधिक महत्वपूर्ण है कि हम आतंकवाद के वित्तपोषण की जड़ पर प्रहार करें।’’