2000 रुपये के नोट बंद होने से अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर? वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने दी जानकारी
नई दिल्ली | रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) ने शुक्रवार को एक बड़ा एलान करते हुए कहा कि 2000 रुपये के नोट (2000 Rupees Note) को वापस ले लिया जाएगा. 30 सितंबर, 2023 तक इसे बैंकों में जमा कराना होगा. 2016 में नोटबंदी के बाद इस नोट को पेश किया गया था. इसे चलन से हटाने का कारण नकली करेंसी, डैमेज करेंसी और यूज की कमी है.
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बताया है कि क्यों इसे चलन से बाहर करने का फैसला लिया गया है और इससे देश की इकनोमी पर कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं.
क्यों चलन से बाहर किए जा रहे 2000 रुपये के नोट
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल लेनदेन के बढ़ने से 2000 रुपये के नोट का उपयोग कम हुआ है. इसे 2016 के दौरान पेश किया गया था तब इसका ज्यादा उपयोग था, लेकिन अब इसका चलन बाजार में कम हुआ है. उन्होंने कहा इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के प्रसार को ध्यान में रखते हुए अब उच्च मूल्यवर्ग के नोट रखने की आवश्यकता नहीं है.
अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?
2000 रुपये के नोट के चलन से बाहर होने को लेकर एक सवाल ये भी उठा है कि क्या इसका कोई असर अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला है. इसपर वित्त सचिव ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैसे भी इन नोटों का उपयोग बड़े पैमाने पर लेन-देन के लक्ष्यों के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा है.
बैंक में एक बार में कितनी रकम जमा कर सकते हैं?
बैंक में एक बार में आप 2000 रुपये के 20 हजार रुपये तक की लिमिट के बराबर कैश जमा किया जा सकता है. बैंक में इस नोट के बदले आपको दूसरे करेंसी के बैंक नोट मिल जाएंगे. 23 मई 2023 से बैंकों में 2000 रुपये के नोट को बदला जा सकता है.
सीनियर सिटीजन और विकलांग व्यक्तियों के लिए कोई व्यवस्था
आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा है कि बैंकों को सीनियर सिटीजन और विकलांग व्यक्तियों के लिए 2000 रुपये के नोट बदलने के लिए खास व्यवस्था करनी चाहिए. ताकि किसी तरह की कोई समस्या नहीं हो.