यूपी के वो ‘किले’ जहां पिछड़ गई थी बीजेपी,उसी चक्रव्यूह से चुनावी समर का आगाज
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में यूपी की 8 सीटों पर वोटिंग होगी। पश्चिम यूपी से ही इस बार भी चुनाव शुरू हो रहे हैं। पिछले चुनाव में इनमें से पांच सीटों पर सपा-बसपा जीती थी। इस बार राष्ट्रीय लोकदल ने भाजपा से हाथ मिलाया है। सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव मैदान में हैं। बसपा की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि कई सीटों पर उसके वोटर INDIA गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं। आइए 8 सीटों का समीकरण जान लेते हैं।
रामपुर: इस बार आजम नहीं
यूपी की रामपुर सीट को आजम खां के नाम से ही जाना जाता रहा है। वह सपा के बड़े मुस्लिम चेहरे रहे हैं। हालांकि सजा होने और जेल जाने के बाद उनकी विधायकी चली गई। उपचुनाव में भाजपा के घनश्याम लोधी सांसद बन गए। इस बार भी वही भाजपा के उम्मीदवार हैं। सपा ने अभी रामपुर सीट से प्रत्याशी नहीं घोषित किया है।
पहले बात बिजनौर लोकसभा सीट की। भाजपा से हाथ मिलाने के बाद रालोद के नेता जयंत चौधरी को बिजनौर और बागपत सीटें मिली हैं। बिजनौर में पहले चरण में ही 19 अप्रैल को वोटिंग है। पिछली बार सपा-बसपा और रालोद साथ थे तो यह सीट बसपा को मिली थी। बसपा के मलूक नागर जीते थे। इस बार RLD ने चंदन चौहान और सपा ने यशवीर सिंह को उतारा है।
सहारनपुर: 2019 के चुनाव में बसपा ने सहारनपुर सीट जीती थी। तब हाजी फजलुर्रहमान ने भाजपा को हराया था। इस बार यह सीट कांग्रेस के पास है। अभी किसी ने भी कैंडिडेट घोषित नहीं किया है।
मुजफ्फरनगर मतलब संजीव बालियान का गढ़
2019 की तुलना में इस बार सीन बदल चुका है। पिछली बार मुजफ्फरनगर सीट से संजीव बालियान और रालोद के अध्यक्ष अजित सिंह मैदान में थे। बालियान जीत गए थे। इस बार अजित सिंह का निधन हो चुका है और उनकी पार्टी भाजपा के साथ है। अब रालोद की ताकत भी बालियान को मिल गई है। सपा ने पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक को टिकट दिया है। बसपा का कैंडिडेट घोषित नहीं है।
कैराना में सपा की इकरा हसन लड़ रहीं
कैराना सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा के प्रदीप कुमार चौधरी ने सपा की तबस्सुम बेगम को हराया था। 2024 के चुनाव में सपा ने पूर्व सांसद मुनव्वर हसन और तबस्सुम की बेटी इकरा हसन को मैदान में उतारा है। वह जोर शोर से प्रचार कर रही हैं। बसपा ने अभी कैंडिडेट नहीं उतारा है।
नगीना सीट: बसपा के गिरीश चंद्र यहां से जीते थे। इस बार मायावती ने नगीना सीट से कैंडिडेट फाइनल नहीं किया है। उधर, सपा ने रिटायर्ड जज मनोज कुमार और भाजपा ने विधायक ओम कुमार को टिकट दिया है।
मुरादाबाद में भी वेटिंग
आज से नामांकन शुरू हो गया है लेकिन मुरादाबाद लोकसभा सीट पर अभी प्रत्याशियों का इंतजार है। सपा के एसटी हसन पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से जीते थे। सपा-कांग्रेस गठबंधन में यह सीट सपा के पास है जबकि भाजपा यहां से अपना कैंडिडेट खड़ा करेगी।
वरुण गांधी नहीं तो कौन?
हां, इस बार चर्चा है कि भाजपा पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट काट सकती है। वह कई बार अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े करते दिखे हैं। अभी भाजपा ने यहां से कैंडिडेट घोषित नहीं किया है। सपा और बसपा भी इंतजार में हैं।