1,749 करोड़ रुपये की लागत से नए नालंदा यूनिवर्सिटी कैंपस को बनाने में आया खर्च

1,749 करोड़ रुपये की लागत से नए नालंदा यूनिवर्सिटी कैंपस को बनाने में आया खर्च
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नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया। यह नया कैंपस प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों के पास बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने नए कैंपस का अनावरण करते हुए एक पौधा भी लगाया। नया कैंपस 1,749 करोड़ रुपये की लागत से बना है। नए कैंपस का उद्घाटन करने से पहले पीएम मोदी ने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों को भी देखा। यह स्थल एक प्रसिद्ध शिक्षा केंद्र हुआ करता था। यहां स्तूप, मंदिर और विहार जैसे कई प्राचीन ढांचे मौजूद हैं।

1,749 करोड़ रुपये की लागत से बने इस नए कैंपस में दो अकैडमिक ब्लॉक हैं। इनमें 40 क्‍लासरूम हैं। यहां लगभग 1900 छात्रों के बैठने की व्यवस्था है। नए कैंपस में 300 सीटों की क्षमता वाले दो ऑडिटोरियम और लगभग 550 छात्रों के रहने के लिए एक छात्रावास भी है। इसके अलावा कैंपस में एक अंतरराष्‍ट्रीय केंद्र, 2000 लोगों की क्षमता वाला एक एम्फीथिएटर, एक फैकल्टी क्लब और एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसी कई अन्य सुविधाएं भी हैं।

कभी विद्वानों के लिए था आकर्षण का केंद्र
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं शताब्दी में हुई थी। कभी यह दुनियाभर के विद्वानों के लिए आकर्षण का केंद्र था। यह ऐतिहासिक संस्थान आठ शताब्दियों तक फला-फूला, जब तक 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों ने इसे नष्ट नहीं कर दिया। 2016 में इस जगह को संयुक्त राष्ट्र की ओर से ‘विश्व धरोहर स्थल’ घोषित किया गया था।

फिर से स्थापित यह विश्वविद्यालय 2014 में एक अस्थायी जगह से शुरू हुआ था, जिसमें केवल 14 छात्र थे। नए कैंपस का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था। उद्घाटन समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर और 17 देशों के राजदूतों सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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कैंपस की यह बात सबसे खास
इस कैंपस की एक सबसे खास बात है। इसे ‘नेट जीरो’ ग्रीन कैंपस के रूप में डिजाइन किया गया है, जो इसे सौर ऊर्जा संयंत्रों, पानी की रीसाइक्लिंग और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं के साथ आत्मनिर्भर बनाता है। नालंदा विश्वविद्यालय को भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) देशों के बीच एक सहयोगी प्रयास के रूप में देखा जाता है।


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