स्तनपान न कराने का शौक,नवजातों को बना रहा बीमार

स्तनपान न कराने का शौक,नवजातों को बना रहा बीमार
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गोरखपुर। स्तनपान न कराने का शौक नवजातों को गंभीर रूप से बीमार बना दे रहा है। 60 से 70 फीसदी नवजात दूध न मिलने की वजह से बीमार हो रहे हैं। इनमें 25 से 30 बच्चों को नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट (एनआईसीय) में भर्ती कराने की नौबत आ जा रही है। ऐसी माताओं की बीआरडी मेडिकल कॉलेज में काउंसिलिंग की गई, तब जाकर नवजातों को दूध मिल सका।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज की बाल रोग विभागध्यक्ष डॉ. अनीता मेहता के मुताबिक, बच्चे को दूध पिलाने के लिए हर मां के पास पर्याप्त दूध होता है। लेकिन, पहली बार मां बनने वाली महिलाएं सही तरीके से बच्चों को स्तनपान नहीं करातीं।

इसके अलावा कुछ मां सुंदर काया की चक्कर में बच्चों को डिब्बा बंद दूध देना शुरू कर देती हैं। हर 10 में आठ माताओं की यह शिकायत है कि उन्हें दूध नहीं हो रहा है। जबकि, ऐसा नहीं है। अगर सही तरीके से स्तनपान कराती हैं, तो नवजात का पेट भर जाएगा।

डेढ़ साल तक कराना चाहिए स्तनपान
डॉ. अनीता मेहता ने बताया कि 60 ऐसी महिलाओं पर शोध किया गया है, जिनका पहला बच्चा हुआ और वे उसे अपना दूध नहीं पिला पाईं। ऐसी महिलाओं के बच्चे बीमार होकर बीआरडी में भर्ती थे। ऐसी माताओं की एनआरसी में काउंसिलिंग की गई और उन्हें छह से सात माह बाद दूध होना शुरू हुआ।

उन्हें बताया गया कि अगर बच्चा दूध छोड़ देगा तो दूध नहीं होगा। ऐसी स्थिति में कम से कम डेढ़ साल तक स्तनपान कराना चाहिए। इससे दूध देने वाली कोशिकाएं सक्रिय रहती हैं।

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