मुहब्बत के जाल में फंसा वांटेड बदमाश

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लेडी दरोगा की फिल्मी अंदाज में गिरफ्तारी

rajeshswari

सूरत  (जनवार्ता): गुजरात के सूरत शहर में एक रोमांचक और फिल्मी अंदाज की घटना ने पुलिस महकमे को ही नहीं, बल्कि पूरे शहर को चौंका दिया है। 30 लाख रुपये के लोन फ्रॉड के आरोपी गिरीश देवड़ा, जो लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर घूम रहा था, को सूरत सिटी पुलिस की दबंग लेडी पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) शीतल चौधरी ने ‘हनीट्रैप’ के जरिए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। शीतल ने खुद को ‘पूजा’ नाम की एक रहस्यमयी लड़की बनाकर 25 दिनों तक आरोपी के साथ व्हाट्सएप चैट, वीडियो कॉल और रोमांटिक बातें कीं। ‘आई लव यू’, ‘मिस यू’ जैसे शब्दों से आरोपी को फंसाने के बाद रेस्टोरेंट में मिलने के बहाने बुलाया और मौके पर दबोच लिया।

घटना का पूरा ब्यौरा: कैसे बनी ‘पूजा’ से पुलिस का जाल?
सूरत पुलिस को गिरीश देवड़ा की तलाश लंबे समय से थी। वह 30 लाख रुपये के बैंक लोन फ्रॉड का मुख्य आरोपी था, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग किया गया था। आरोपी भूमिगत हो चुका था और तकनीकी तरीकों से पुलिस को चकमा दे रहा था। ऐसे में डीसीपी जोन-1 में तैनात पीएसआई शीतल चौधरी ने एक साहसिक और चतुर रणनीति अपनाई। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक फर्जी प्रोफाइल बनाई, जिसमें खुद को ‘पूजा’ नाम की एक साधारण लड़की बताया।

25 दिनों की इस ‘ऑपरेशन लव ट्रैप’ में शीतल ने आरोपी के साथ रोजाना गुड मॉर्निंग-गुड नाइट मैसेज, वीडियो कॉल और प्यार-मोहब्बत की बातें कीं। जब गिरीश ने पूछा, “तुम कौन हो?”, तो शीतल ने चालाकी से जवाब दिया और धीरे-धीरे उसे भावुक जाल में फंसा लिया। चैट के दौरान ‘आई लव यू’ तक कह दिया गया, ताकि आरोपी का भरोसा कायम रहे। आखिरकार, दोनों ने रेस्टोरेंट में मिलने का प्लान बनाया। जैसे ही गिरीश उत्साहित होकर मिलने पहुंचा, शीतल के साथ छिपी हुई पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान आरोपी का भाई भी मौके पर मौजूद था, जिसे भी हिरासत में ले लियाये गया।

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पीएसआई शीतल चौधरी: साहस की मिसाल
पीएसआई शीतल चौधरी सूरत पुलिस की एक जाना-मानी अधिकारी हैं, जो पहले भी साइबर क्राइम और फ्रॉड मामलों में अपनी चतुराई के लिए सराही जा चुकी हैं। इस ऑपरेशन में उन्होंने तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल किया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, “ऐसे अपराधियों को पकड़ने के लिए असामान्य रणनीतियां जरूरी होती हैं। शीतल ने जोखिम उठाकर न केवल आरोपी को फंसाया, बल्कि पूरे गैंग के सुराग भी हासिल कर लिए।” शीतल ने कहा, “यह हमारा फर्ज है कि अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाएं, चाहे तरीका कितना भी फिल्मी क्यों न हो।”

फ्रॉड का खुलासा: 30 लाख का खेल
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला कि गिरीश देवड़ा ने फर्जी कंपनियों के नाम पर सरकारी लोन स्कीमों से 30 लाख रुपये का फ्रॉड किया था। पैसे को हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए छिपाया जा रहा था। पुलिस को शक है कि यह एक बड़े साइबर सिंडिकेट का हिस्सा हो सकता है, जो गुजरात में सक्रिय है। आरोपी के पास से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन और बैंक डिटेल्स बरामद हुई हैं। अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) भी इस मामले की जांच में शामिल हो सकती है।

सोशल मीडिया पर वायरल: नेटिजंस की तारीफ
यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। लोग शीतल चौधरी को ‘लेडी सिंघम’ और ‘रोमांटिक ऑफिसर’ कहकर तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “फिल्मों से ज्यादा रोमांचक है यह रियल स्टोरी!” वहीं, कुछ ने सवाल उठाया कि क्या पुलिस को ऐसे ‘हनीट्रैप’ ज्यादा इस्तेमाल करने चाहिए। सूरत पुलिस ने इसे एक सफल अभियान बताते हुए अन्य थानों को भी ऐसी रणनीतियों पर ट्रेनिंग देने की योजना बनाई है।

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यह गिरफ्तारी न केवल लोन फ्रॉड के शिकार लोगों के लिए राहत है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और साइबर क्राइम के खिलाफ पुलिस की सतर्कता का प्रतीक भी। जांच जारी है, और जल्द ही अदालत में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

Shiv murti

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