हिंदूजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद हिंदूजा का निधन, 85 साल की उम्र में लंदन में ली अंतिम सांस

हिंदूजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद हिंदूजा का निधन, 85 साल की उम्र में लंदन में ली अंतिम सांस

गोपीचंद हिंदूजा ने 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदूजा के निधन के बाद ग्रुप की कमान संभाली थी। बिजनेस जगत में उन्हें “जीपी हिंदूजा” के नाम से जाना जाता था। उन्होंने अपने नेतृत्व में हिंदूजा ग्रुप को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत कारोबारी साम्राज्य के रूप में स्थापित किया और ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवारों में जगह बनाई।

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लंदन / मुंबई | हिंदूजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद पी. हिंदूजा का सोमवार को लंदन के एक अस्पताल में 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे पिछले कई हफ्तों से बीमार चल रहे थे और वहीं इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। परिवार के करीबी सूत्रों ने उनके निधन की पुष्टि की है।

गोपीचंद परमानंद हिंदूजा का जन्म 1940 में सिंध (अब पाकिस्तान) के एक व्यापारी परिवार में हुआ था। उनके दादा परमानंद दीपचंद हिंदूजा ने 1919 में ईरान में एक छोटा मर्चेंट बैंकिंग और ट्रेड बिजनेस शुरू किया था, जो इंडो-मिडिल ईस्ट ट्रेडिंग पर केंद्रित था। पिता परमानंद ने इस व्यवसाय को आगे बढ़ाया और भारत से ईरान प्याज, आलू और आयरन ओर का निर्यात शुरू किया। 1959 में गोपीचंद ने परिवार के व्यवसाय में कदम रखा, तब कंपनी का मुख्यालय मुंबई में था।

गोपीचंद अपने तीन भाइयों — श्रीचंद, प्रकाश और अशोक — के साथ मिलकर कारोबार संभालते थे। चारों भाई वेजिटेरियन थे, शराब नहीं पीते थे और बिना किसी विवाद के एक साथ मिलकर काम करते रहे। 1979 में ईरान की इस्लामी क्रांति के बाद परिवार ने अपना बेस लंदन शिफ्ट कर लिया। इसके बाद गोपीचंद लंदन में स्थायी रूप से बस गए और हिंदूजाy ऑटोमोटिव लिमिटेड की चेयरमैनशिप संभाली।

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लंदन में ठिकाना बदलने के साथ हिंदूजा परिवार का कारोबार भी नई दिशा में आगे बढ़ा। गोपीचंद ने ग्रुप को एक पारंपरिक ट्रेडिंग हाउस से मल्टीनेशनल एम्पायर में बदल दिया। उन्होंने ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, एनर्जी, आईटी, हेल्थकेयर और रियल एस्टेट जैसे कई क्षेत्रों में विस्तार किया।

उनके नेतृत्व में हिंदूजा ग्रुप ब्रिटेन के सबसे धनी कारोबारी समूहों में शामिल हो गया। गोपीचंद हिंदूजा को भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का श्रेय भी दिया जाता है। उनका जीवन अनुशासन, परिवार के प्रति निष्ठा और व्यावसायिक दृष्टि का प्रतीक रहा।

गोपीचंद हिंदूजा के निधन से वैश्विक व्यापार जगत ने एक दूरदर्शी नेता और प्रेरक व्यक्तित्व को खो दिया है।

Shiv murti

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