क्या है इंटरनेशल नॉर्थ साउथ कॉरिडोर? रूस ने जिसके जरिए भारत को कोयला भेजने का किया फैसला
नई दिल्ली। रूस भारत को कोयला भेजने के लिए इंटरनेशल नॉर्थ साउथ कॉरिडोर (INSTC) का उपयोग करेगा। मॉस्को ने ईरान के रेलवे का इस्तेमाल करके भारत को कोयला निर्यात करने की अपनी योजना की घोषणा की है। यह घोषणा 27वें सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच में BRICS परिवहन मंत्रियों की बैठक के दौरान की गई। ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA ने यह जानकारी दी है।
रूस के राष्ट्रपति के सहायक इगोर लेविटिन ने कहा कि कोयले की पहली खेप भारत पहुंचने से पहले ईरान और बंदर अब्बास से होकर गुजरेगी।
ईरान ने दिया INSTC के महत्व पर दिया जोर
ईरान के सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बजरपाश ने ब्रिक्स देशों के बीच ट्रांसपोर्ट और ट्रांजिट को बढ़ाने में INSTC के महत्व पर जोर दिया। एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान, उन्होंने कहा कि यह कॉरिडोर क्षेत्र में तालमेल को काफी बढ़ावा दे सकता है।
रूस में ईरान के राजदूत काजम जलाली के साथ बैठक में लेविटिन ने दोहराया कि पहले कोयला वैगन ईरान और बंदर अब्बास से होते हुए भारत पहुंचेंगे। दोनों पक्षों ने सहयोग, खास तौर पर रश्त-अस्तारा रेलवे निर्माण परियोजना पर चर्चा की। यह प्रोजेक्ट ईरान और रूस के बीच परिवहन संपर्क को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
एक अलग बैठक में, रूसी रेलवे के अध्यक्ष ओलेग बेलोज़ोरोव ने ईरान के राजदूत के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। उन्होंने INSTC को लागू करने और दोनों देशों के बीच माल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए रेलवे सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
क्या है INSTC?
अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा भारत, ईरान, अजरबैजान, रूस,मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए जहाज, रेल और सड़क मार्ग का एक 7,200 किमी (4500 मील) लंबा मल्टी मोड नेटवर्क है।
इस रूट पर मुख्य रूप से भारत, ईरान, अजरबैजान और रूसी संघ से माल को जहाज, रेल और सड़क के माध्यम से ले जाना शामिल है। इस गलियारे का उद्देश्य मुंबई, मॉस्को, तेहरान, बाकू, बंदर अब्बास, अस्त्राखान, बंदर अंजली आदि जैसे प्रमुख शहरों के बीच व्यापार संपर्क बढ़ाना है।
ड्राई रन का आयोजन
2014 में दो मार्गों पर ड्राई रन आयोजित किए गए थे, पहला मुंबई से बाकू वाया बंदर अब्बास और दूसरा मुंबई से आस्ट्राखान वाया बंदर अब्बास, तेहरान और बंदर अंजली।
अध्ययन का उद्देश्य प्रमुख बाधाओं की पहचान करना और उनका समाधान करना था। परिणामों से पता चला कि परिवहन लागत ‘प्रति 15 टन कार्गो पर 2,500 डॉलर’ कम हो गई।
माल का पहला ट्रांसपोर्ट
7 जुलाई 2022 को रूसी कंपनी आरजेडडी लॉजिस्टिक्स ने घोषणा की कि उसने INSTC के माध्यम से भारत में माल का पहला परिवहन सफलतापूर्वक पूरा किया। इस बात की पुष्टि ईरानी और भारतीय व्यापार कंपनियों ने भी की।
INSTC को पारंपरिक गहरे समुद्र स्वेज नहर मार्ग के विकल्प के रूप में किया गया है। फेडरेशन ऑफ फ्रेट फॉरवर्डर्स एसोसिएशन इन इंडिया के एक सर्वेक्षण के अनुसार, INSTC ‘स्वेज नहर के माध्यम से पारंपरिक मार्ग की तुलना में 30 प्रतिशत सस्ता और 40 प्रतिशत छोटा है।’