वाराणसी : फुलवरिया में परंपरागत श्रीरामलीला, गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल

वाराणसी : फुलवरिया में परंपरागत श्रीरामलीला, गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल

वाराणसी (जनवार्ता)। वाराणसी के फुलवरिया (वार्ड नं. 3) स्थित श्रीरामलीला समिति की परंपरागत रामलीला इस वर्ष भी पूरे धूमधाम से हो रही है। सन 1992 से लगातार आयोजित यह रामलीला अब शहर की प्रमुख रामलीलाओं में शुमार की जाती है।

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समिति के अनुसार शुक्रवार को भगवान श्रीराम का विवाह जुलूस मैथिली भवन से प्रारंभ होकर रामलीला प्रांगण तक पहुंचा। पहले यह परंपरा हनुमान मंदिर से होती थी, लेकिन मिथिला परिवारों की इच्छा के चलते वर्षों से इसे मैथिली भवन से प्रारंभ किया जा रहा है।

करीब 13 दिन तक चलने वाली इस रामलीला में गांव के ही कलाकार विभिन्न चरित्रों का मंचन करते हैं। समिति का कहना है कि सभी पात्र स्थानीय बच्चे और युवा हैं, जिनमें से कई पढ़ाई के बाद डॉक्टर, इंजीनियर और अधिकारी बने हैं। समिति सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहती है और जरूरतमंदों को आर्थिक मदद प्रदान करती है।

इस रामलीला की सबसे खास बात यह है कि इसमें हर जाति और बिरादरी के लोग शामिल होते हैं। मुस्लिम समुदाय की भागीदारी भी इसे गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल बनाती है।

इस बार पहली बार स्थानीय सभासद के सहयोग से रामबारात का शुभारंभ मैथिली शरण सोसाइटी से हुआ, जिसे आयोजकों ने पूरे गांव और मैथिली भवन परिवार के लिए सौभाग्यपूर्ण क्षण बताया। पूरे गांव के सहयोग से निकली यह रामबारात भक्तिमय माहौल में भक्ति, सौहार्द और सांस्कृतिक परंपरा का अद्भुत संगम बनी।

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Shiv murti

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